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This Article is From Sep 19, 2021

अमरिंदर सिंह की जगह भरने के लिए सीएम के साथ दो डिप्टी भी बना सकती है कांग्रेस

Punjab Congress Crisis: अमरिंदर सिंह-नवजोत सिद्धू का झगड़ा 2017 के विधानसभा चुनाव से चलता रहा है, तब सिद्धू को उप मुख्यमंत्री बनाए जाने की उम्मीद थी, लेकिन अमरिंदर ने कथित तौर पर उन्हें इस पद पर लेने से इनकार कर दिया गया था

अमरिंदर सिंह की जगह भरने के लिए सीएम के साथ दो डिप्टी भी बना सकती है कांग्रेस
कैप्टन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो).
चंडीगढ़:

Punjab Congress Crisis: पंजाब में "अपमानित" अमरिंदर सिंह के कल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा (Amarinder Singh Resigns) देने के बाद पंजाब में हालात को काबू में लाने के लिए कांग्रेस संघर्ष कर रही है. कांग्रेस की ओर से अमरिंदर सिंह की जगह नए मुख्यमंत्री के अलावा दो डिप्टी सीएम भी बनाए जाने की संभावना है. हालांकि सूत्रों ने कहा कि डिप्टी के नाम इस बात पर निर्भर करेंगे कि शीर्ष पद के लिए किसे मंजूरी मिलती है.

पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिद्धू , जिनके अमरिंदर सिंह के साथ शत्रुतापूर्ण विवाद ने इस संकट को जन्म दिया, के करीबी सूत्र को यह कहते हुए सुना गया कि 'मुख्यमंत्री के लिए जो भी नाम तय किया गया है, उसके साथ दो डिप्टी होंगे ...'

कैबिनेट मंत्री और डेरा बाबा नानक के विधायक सुखजिंदर रंधावा को मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है. अन्य संभावितों में कांग्रेस की राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़, प्रताप सिंह बाजवा और दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते रवनीत सिंह बिट्टू के नाम शामिल हैं.

यह देखते हुए कि दलित पंजाब की कुल आबादी का करीब 33 प्रतिशत हैं, एक दलित सिख मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम के संयोजन पर भी विचार किया जा रहा है. 

सूत्रों ने यह भी कहा कि 'कई लोग इस संकट में (पार्टी के) खराब प्रबंधन से परेशान हैं', जिसमें राज्य प्रभारी हरीश रावत के नेतृत्व में मध्यस्थता का असफल प्रयास भी शामिल है. तीन सदस्यीय टीम ने सोचा कि उन्होंने समझौता कर लिया है, अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने रहेंगे और सिद्धू को पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष के रूप में पदोन्नत किया जाएगा.

हालांकि पार्टी द्वारा राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्तियों की पुनरीक्षा सहित पार्टी द्वारा उनकी शर्तों की अनदेखी करने के बाद अमरिंदर सिंह को झिझक महसूस हुई. अमरिंदर सिंह की हिंदुओं और दलितों पर ध्यान केंद्रित करने की मांग के अनुरूप चार की घोषणा की गई लेकिन उनके द्वारा किसी पर भी हस्ताक्षर नहीं किए गए.

सिद्धू से उनके कई सार्वजनिक कटाक्षों के लिए माफी की मांग भी अधूरी थी. अमरिंदर सिंह ने कल सोनिया गांधी से बात की थी और कहा था कि अब बहुत हो गया. उन्होंने कहा, "पिछले दो महीनों में कांग्रेस नेतृत्व द्वारा मुझे तीन बार अपमानित किया गया..उन्होंने दो बार विधायकों को दिल्ली बुलाया और आज (शनिवार) सीएलपी बुलाई... उन्हें मुझ पर भरोसा नहीं है... अब वे जिस पर भरोसा करते हैं उसे नियुक्त कर दें."

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