मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और अमर सिंह (फाइल फोटो)
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के प्रथम परिवार की अंतर्कलह की वजह अमर सिंह माने जा रहे हैं. समाजवादी पार्टी से छह साल पहले निकाले गए अमर सिंह कुछ महीनों पहले ही पार्टी में वापस आए हैं. 60 वर्षीय अमर सिंह का राजनीतिक जीवन विवादों में ही रहा है, लेकिन बिजनेस, मीडिया और फिल्म जगत में उनकी खासी पकड़ मानी जाती है.
पार्टी के कई लोगों का इशारा है कि यादव परिवार में इतने बड़े विवाद का कारण बाहरी है. विवाद के चलते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पिता व पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल यादव के खिलाफ खड़े हो गए हैं. अगले साल के आरंभ में राज्य में चुनाव हैं और इससे पहले ही यह कलह सामने आ गई है.
बिना किसी का नाम लिए 43 वर्षीय अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा, अगर बाहरी लोग परिवार में दखल देते रहे तो... कैसे काम चलेगा? पार्टी के कई लोगों का मानना है कि अमर सिंह, जो अखिलेश यादव को अपने बेटे के समान कहते हैं, शिवपाल यादव के साथ मिलकर मुलायम सिंह यादव को अखिलेश के खिलाफ करने में लगे हुए हैं.
शिवपाल यादव ने एक बयान में कहा कि जब सब साथ होते हैं तब संस्थान मजबूत रहता है. उन्होंने लखनऊ में कहा कि ''सब लोगों को नेताजी का जो भी आदेश होगा उसे मानना है. नेताजी जो भी जिम्मेदारी देंगे, वह सभी को निभानी है. वर्ष 2011 में मैं प्रदेश अध्यक्ष था, तब भी इसी तरह मुझे इस जिम्मेदारी से हटाकर अखिलेश को पदभार दिया गया था. नेताजी ने तो सोच समझकर ही बनाया होगा. अंतिम फैसला उन्हीं का होगा.''
अमर सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी प्रमुख के पद से हटवाने में अहम भूमिका निभाई. यह जिम्मेदारी शिवपाल यादव को दी गई थी. इस बात से नाराज अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव के पास से सभी महत्वपूर्ण मंत्रालय छीन लिए थे.
ऐसा माना जाता है कि अखिलेश यादव ने अमर सिंह के करीबी नौकरशाह मुख्य सचिव दीपक सिंघल को पद से हटा दिया था. कहा जा रहा है कि सिंह ने सिंघल को वापस पद पर लाने के लिए विरोधी पक्षों को एक किया था. पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इस पूरे मामले में अखिलेश यादव के साथ आ गए हैं और सभी के सभी अमर सिंह से नाराज हैं.
समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि पार्टी कैडर के लोग 'बाहरी' लोगों द्वारा नेता जी (मुलायम सिंह यादव) का फायदा उठाने के लिए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. पार्टी नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि बाहरी लोग पार्टी की गतिविधियों में दखल नहीं दे सकते हैं.
पार्टी के कई लोगों का इशारा है कि यादव परिवार में इतने बड़े विवाद का कारण बाहरी है. विवाद के चलते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पिता व पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल यादव के खिलाफ खड़े हो गए हैं. अगले साल के आरंभ में राज्य में चुनाव हैं और इससे पहले ही यह कलह सामने आ गई है.
बिना किसी का नाम लिए 43 वर्षीय अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा, अगर बाहरी लोग परिवार में दखल देते रहे तो... कैसे काम चलेगा? पार्टी के कई लोगों का मानना है कि अमर सिंह, जो अखिलेश यादव को अपने बेटे के समान कहते हैं, शिवपाल यादव के साथ मिलकर मुलायम सिंह यादव को अखिलेश के खिलाफ करने में लगे हुए हैं.
शिवपाल यादव ने एक बयान में कहा कि जब सब साथ होते हैं तब संस्थान मजबूत रहता है. उन्होंने लखनऊ में कहा कि ''सब लोगों को नेताजी का जो भी आदेश होगा उसे मानना है. नेताजी जो भी जिम्मेदारी देंगे, वह सभी को निभानी है. वर्ष 2011 में मैं प्रदेश अध्यक्ष था, तब भी इसी तरह मुझे इस जिम्मेदारी से हटाकर अखिलेश को पदभार दिया गया था. नेताजी ने तो सोच समझकर ही बनाया होगा. अंतिम फैसला उन्हीं का होगा.''
अमर सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी प्रमुख के पद से हटवाने में अहम भूमिका निभाई. यह जिम्मेदारी शिवपाल यादव को दी गई थी. इस बात से नाराज अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव के पास से सभी महत्वपूर्ण मंत्रालय छीन लिए थे.
ऐसा माना जाता है कि अखिलेश यादव ने अमर सिंह के करीबी नौकरशाह मुख्य सचिव दीपक सिंघल को पद से हटा दिया था. कहा जा रहा है कि सिंह ने सिंघल को वापस पद पर लाने के लिए विरोधी पक्षों को एक किया था. पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इस पूरे मामले में अखिलेश यादव के साथ आ गए हैं और सभी के सभी अमर सिंह से नाराज हैं.
समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि पार्टी कैडर के लोग 'बाहरी' लोगों द्वारा नेता जी (मुलायम सिंह यादव) का फायदा उठाने के लिए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. पार्टी नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि बाहरी लोग पार्टी की गतिविधियों में दखल नहीं दे सकते हैं.
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