!["हमेशा जरूरतमंदों के लिए काम करें..": भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली बोधगया में बोले दलाई लामा "हमेशा जरूरतमंदों के लिए काम करें..": भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली बोधगया में बोले दलाई लामा](https://c.ndtvimg.com/2022-07/r48s0ivs_dalai-lama-ladakh-twitter_625x300_15_July_22.jpg?downsize=773:435)
बौद्ध धर्मगुरू दलाई लामा ने गुरुवार को बिहार में गया जिला स्थित भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली बोधगया में प्रवचन दिया. वो विश्व प्रसिद्ध इस तीर्थनगरी में वैश्विक कोरोना महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद पहुंचे हैं. नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित आध्यात्मिक तिब्बती नेता दलाई लामा बैटरी संचालित एक वाहन पर सवार होकर प्रार्थना सभा में भाग लेने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे. वह 22 दिसंबर को यहां आने के बाद से एक तिब्बती मठ में रुके हुए हैं.
दो घंटे तक चले ध्यान और प्रवचन के इस कार्यक्रम के दौरान दलाई लामा ने अपने प्रवचन में बोधिचित्त और बोधिसत्व के दोहरे आदर्शों पर जोर दिया जिसका पालन करने वाले स्वयं के प्रबोधन की दिशा में कार्य करने के साथ दूसरों को पीड़ा से मुक्ति दिलाने में मदद करते हैं.
तिब्बती धर्मगुरू ने कहा, ‘‘यदि आप एक आस्तिक हैं तो आपको दूसरों के बारे में सोचने की आवश्यकता है. यदि आप केवल अपने बारे में सोचते हैं, जिसकी आपसे उम्मीद नहीं की जाती है, तो हमेशा उन लोगों के लिए काम करें, जिन्हें इसकी आवश्यकता है. हम इंसान पैदा हुए हैं और मैं जहां भी रहूंगा, मानवता के लिए काम करता रहूंगा.''
गहन आध्यात्मिक विचारों वाले और दुनिया के मामलों के लिए गहरी नजर रखने के लिए जाने जाने वाले दलाई लामा ने तिब्बती रोटी और चाय नाश्ता करके अपने प्रवचन की शुरुआत की थी और बेहतर दांत होने के मूल्य पर प्रकाश डाला.
बोधगया के कालचक्र मैदान में निर्वासित तिब्बती धर्मगुरू का प्रवचन अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा और उसके बाद नए साल के पहले दिन लामा अपने धार्मिक गुरू की दीर्घायु के लिए प्रार्थना करेंगे. कालचक्र मैदान में आयोजित प्रार्थना सभा में बडी संख्या में तीर्थयात्री और पड़ोसी देश के भक्तगण प्रत्येक साल भाग लेते रहे हैं.
मंगोलिया के एक बौद्ध भक्त एमा ने कहा, ‘‘यह बोधगया की मेरी तीसरी यात्रा है. इससे पहले दलाई लामा के प्रवचन में शामिल होने से मेरे जीवन में बदलाव आया. मैं उनके प्रवचनों का बेसब्री से इंतजार करता हूं, जो मुझे तरोताजा महसूस कराते हैं और दलाई लामा वास्तव में ऊर्जावान, एक जीवित भगवान हैं.''
प्रवचन सुनने के लिए दोस्तों के साथ आई वियतनाम की एक युवती थुज ने कहा, ‘‘दलाई लामा को सुनना मेरे जीवन की एक विशेष घटना है. उनकी शिक्षाओं ने मुझे जीवन में उद्देश्य की भावना से भर दिया है.''
उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले दलाई लामा के प्रवचन स्थल कालचक्र मैदान एक कम तीव्रता वाले विस्फोट से हिल गया था. यह विस्फोट बांग्लादेश स्थित एक संगठन ने म्यांमार में रोहिंग्याओं पर अत्याचार का बदला लेने के लिए निशाना बनाने के लिए किया था.
तीर्थ नगरी में एक चीनी नागरिक महिला की मौजूदगी की प्रारंभिक रिपोर्टों से प्रशासन में खलबली मच गई थी, जिससे तिब्बती धार्मिक गुरू की सुरक्षा की चिंता पैदा हो गई थी जो अक्सर कथित रूप से कम्युनिस्ट शासन के निशाने पर रहे हैं .
गया जिले की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हरप्रीत कौर ने पीटीआई-भाषा को बताया कि विदेशी नागरिक को बोधगया के महारानी रोड स्थित एक गेस्ट हाउस से हिासयत में लिया गया है और वह बौद्ध उपदेशक की कट्टर अनुयायी निकली.
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