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This Article is From May 29, 2012

प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप गैरजिम्मेदाराना नहीं : शांति भूषण

नई दिल्ली: टीम अन्ना के सदस्य व वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ उनकी टीम की ओर से लगाए गए आरोप गैरजिम्मेदाराना नहीं हैं। 2जी घोटाले में भी वह एक पक्ष हैं। कोयला खानों के आवंटन में जो घोटाला सामने आया है, वह भी ऐसे समय में हुआ, जब कोयला मंत्रालय का प्रभार प्रधानमंत्री के पास था।

एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में शांति भूषण ने कहा, "मैं नहीं समझता कि प्रधानमंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोप गैरजिम्मेदाराना थे। जब कोयला घोटाला हुआ तो इस मंत्रालय का प्रभार उनके पास ही था।" उन्होंने आरोप लगाया, "यहां तक कि पूर्व दूरसंचार मंत्री और 2जी घोटाले के मुख्य आरोपी ए. राजा को भी प्रधानमंत्री ने बचाने की कोशिश की। वास्तव में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद ही राजा को जेल हुई।"

टीम अन्ना ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके मंत्रिमंडल के 14 सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे होने का आरोप लगाते हुए इसकी स्वतंत्र जांच कराने की मांग की थी।

टीम अन्ना ने हाल ही में उजागर हुए कोयला घोटाले में भी प्रधानमंत्री की भूमिका पर सवाल उठाए। कोयला मंत्रालय का प्रभार नवम्बर 2006 से मई 2009 तक प्रधानमंत्री के पास था।

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