इलाहाबाद हाईकोर्ट का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर गैंगरेप केस की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. न्यायालय ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए और एक एनजीओ द्वारा मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग स्वीकारते हुए यह अहम आदेश दिए.
इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने अदालत से कहा था कि मामले की जांच सीबीआई को स्थानांतरित किए जाने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है.
उल्लेखनीय है कि बुलंदशहर गैंगरेप कांड में पुलिस ने इस वारदात को अंजाम देने वाले गैंग के सरगना सलीम बावरिया और साजिद व जुबैर को बीते सोमवार की रात मवाना से गिरफ्तार किया था. पुलिस के मुताबिक, गिरोह ने गैंगरेप की योजना किठौर में बनाई थी. घटना को अंजाम देने के बाद गिरोह के सदस्य वापस किठौर आए, वहां से झारखंड और बिहार भाग गए. आरोपी 7 अगस्त को मेरठ के मवाना में आए. उनकी यहां से बिजनौर भाग जाने की योजना थी, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें धरदबोचा.
गौरतलब है कि आरोपियों ने बंदूक का भय दिखाकर एक महिला एवं उनकी नाबालिग बेटी के साथ एनएच-91 पर बुलंदशहर में उस समय गैंगरेप किया था, जब वे 29 जुलाई को अपने परिवार के साथ नोएडा से शाहजहांपुर जा रही थीं.
इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने अदालत से कहा था कि मामले की जांच सीबीआई को स्थानांतरित किए जाने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है.
उल्लेखनीय है कि बुलंदशहर गैंगरेप कांड में पुलिस ने इस वारदात को अंजाम देने वाले गैंग के सरगना सलीम बावरिया और साजिद व जुबैर को बीते सोमवार की रात मवाना से गिरफ्तार किया था. पुलिस के मुताबिक, गिरोह ने गैंगरेप की योजना किठौर में बनाई थी. घटना को अंजाम देने के बाद गिरोह के सदस्य वापस किठौर आए, वहां से झारखंड और बिहार भाग गए. आरोपी 7 अगस्त को मेरठ के मवाना में आए. उनकी यहां से बिजनौर भाग जाने की योजना थी, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें धरदबोचा.
गौरतलब है कि आरोपियों ने बंदूक का भय दिखाकर एक महिला एवं उनकी नाबालिग बेटी के साथ एनएच-91 पर बुलंदशहर में उस समय गैंगरेप किया था, जब वे 29 जुलाई को अपने परिवार के साथ नोएडा से शाहजहांपुर जा रही थीं.
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