मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में पिछली सरकार की सभी योजनाएं जारी रहेंगी. नव निर्वाचित विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान ‘लाडली बहना' कार्यक्रम का जिक्र नहीं होने के बाद मुख्यमंत्री ने यह टिप्पणी की है. प्रदेश की 16वीं विधानसभा का चार दिवसीय पहला सत्र बृहस्पतिवार को संपन्न हो गया और इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.
राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण पर भाजपा के विधायक कैलाश विजयवर्गीय द्वारा पेश किए गए धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “पिछली सरकार द्वारा चलाई जा रही 'लाडली लक्ष्मी' से लेकर अन्य सभी योजनाएं जारी रहेंगी और तय तारीख पर लाभार्थियों के खातों में राशि स्थानांतरित की जाएगी.”
जब विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने विशेष रूप से ‘लाडली बहना' योजना के बारे में पूछा, तो यादव ने कहा कि सभी योजनाएं जारी रहेंगी.
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रमुख योजना ‘लाडली बहना' पात्र महिलाओं को प्रति माह 1,250 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है और विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा ने इस राशि को धीरे-धीरे बढ़ाकर तीन हज़ार रुपये करने का वादा किया था.
नवगठित विधानसभा के पहले सत्र को संबोधित करते हुए पटेल ने बुधवार को केंद्र और राज्य की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को गिनाया, लेकिन उन्होंने लाडली बहना योजना का उल्लेख नहीं किया.
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह समेत पार्टी विधायकों ने बृहस्पतिवार को राज्यपाल के अभिभाषण का हवाला देकर मुख्यमंत्री यादव से ‘लाडली बहना' योजना की स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी.
धार्मिक स्थलों में लगे लाउडस्पीकरों के लिए डेसीबल स्तर तय करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के कार्यान्वयन का जिक्र करते हुए, यादव ने कहा कि उनकी सरकार ने शीर्ष अदालत के निर्देशों को लागू किया है, और भूतपूर्व कांग्रेस सरकार 'ऐसा करने में विफल' रही थी.
मुख्यमंत्री बनने के कुछ घंटों बाद, यादव ने पिछले हफ्ते एक निर्देश जारी कर धार्मिक स्थलों पर अनुमेय डेसिबल स्तर से अधिक लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी.
दिन का सूचीबद्ध कामकाज पूरा करने के बाद, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.
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