फाइल फोटो
नई दिल्ली:
भारत-चीन सीमा विवाद पर शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक होने जा रही है. सरकार ने इस बैठक का आयोजन किया है. इस माध्यम से सरकार सीमा पर हालात के बारे में सभी दलों को जानकारी देगी. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर यह बैठक होगी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हालात की जानकारी देंगी. शुक्रवार शाम चार से पांच बजे के बीच इस बैठक का आयोजन होगा. इस बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत कुमार डोभाल इस महीने के आखिर में ब्रिक्स देशों के एनएसए स्तर की मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए चीन जा रहे हैं. इस साल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी चीन करने वाला है. उसी पृष्ठभूमि में एनएसए स्तर की मीटिंग का आयोजन होने जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि डोकलाम, डोका ला या फिर डोंगयोंग में इन दिनों भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर कुछ तनाव चल रहा है. इसके चलते दोनों देश के सैनिक आपस में नॉन कैबेटिव मोड में भिड़ भी चुके हैं. चीन भी स्थिति पर साफ कह चुका है कि इस पूरे मुद्दे पर बातचीत तभी संभव है जब भारत अपने सैनिक हटाए.
इस बीच अमेरिका के दो शीर्ष परमाणु विशेषज्ञों का कहना है कि भारत अपने परमाणु हथियारों के ज़खीरे को लगातार आधुनिक बनाता जा रहा है, और परंपरागत रूप से पाकिस्तान को ध्यान में रखकर परमाणु नीति बनाने वाले इस देश का ध्यान अब चीन की तरफ ज़्यादा है.
डिजिटल जर्नल 'आफ्टर मिडनाइट' के जुलाई-अगस्त अंक में प्रकाशित एक आलेख में यह दावा भी किया गया है कि भारत अब एक ऐसी मिसाइल विकसित कर रहा है, जिससे दक्षिण भारतीय बेसों से भी पूरे चीन पर निशाना साधा जा सके.
हैन्स एम. क्रिस्टेन्सन और रॉबर्ट एस. नॉरिस ने आलेख 'इंडियन न्यूक्लियर फोर्सेज़ 2017' में लिखा है कि भारत के पास अनुमानतः इतना प्लूटोनियम जमा हो गया है, जिनसे वह 150-200 परमाणु हथियार बना सकता है, लेकिन संभवतः उसने सिर्फ 120-130 हथियार बनाए हैं.
उल्लेखनीय है कि डोकलाम, डोका ला या फिर डोंगयोंग में इन दिनों भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर कुछ तनाव चल रहा है. इसके चलते दोनों देश के सैनिक आपस में नॉन कैबेटिव मोड में भिड़ भी चुके हैं. चीन भी स्थिति पर साफ कह चुका है कि इस पूरे मुद्दे पर बातचीत तभी संभव है जब भारत अपने सैनिक हटाए.
इस बीच अमेरिका के दो शीर्ष परमाणु विशेषज्ञों का कहना है कि भारत अपने परमाणु हथियारों के ज़खीरे को लगातार आधुनिक बनाता जा रहा है, और परंपरागत रूप से पाकिस्तान को ध्यान में रखकर परमाणु नीति बनाने वाले इस देश का ध्यान अब चीन की तरफ ज़्यादा है.
डिजिटल जर्नल 'आफ्टर मिडनाइट' के जुलाई-अगस्त अंक में प्रकाशित एक आलेख में यह दावा भी किया गया है कि भारत अब एक ऐसी मिसाइल विकसित कर रहा है, जिससे दक्षिण भारतीय बेसों से भी पूरे चीन पर निशाना साधा जा सके.
हैन्स एम. क्रिस्टेन्सन और रॉबर्ट एस. नॉरिस ने आलेख 'इंडियन न्यूक्लियर फोर्सेज़ 2017' में लिखा है कि भारत के पास अनुमानतः इतना प्लूटोनियम जमा हो गया है, जिनसे वह 150-200 परमाणु हथियार बना सकता है, लेकिन संभवतः उसने सिर्फ 120-130 हथियार बनाए हैं.
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