
- सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम को चुनौती देने वाले मामलों को 3 हाई कोर्ट से अपने पास ट्रांसफर किया है.
- कर्नाटक, दिल्ली और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से रिकॉर्ड डिजिटल माध्यम से SC को भेजने के निर्देश दिए गए.
- यदि अन्य हाई कोर्ट में भी अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल होती है, तो वह भी SC में ट्रांसफर होगी.
संसद द्वारा पारित ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम को चुनौती देने के विभिन्न हाई कोर्ट में चल रहे मामलों की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने तीन हाई कोर्ट से इससे जुड़े मामलों को अपने पास ट्रांसफर किया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की अर्जी मंजूर की है और ये मामले अपने पास ट्रांसफर किए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक, दिल्ली और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम को चुनौती देने के मामले अपने पास ट्रांसफर किए हैं. हाई कोर्ट को सारा रिकॉर्ड ट्रांसफर करने के निर्देश दिए गए थे. अदालत ने समय बचाने के लिए डिजिटल रूप से ट्रांसफर करने के लिए कहा था.
अन्य कोर्ट में दाखिल याचिका भी होगी ट्रांसफर
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि अगर किसी और हाईकोर्ट में याचिका दाखिल होती है तो उसे भी सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर किया जाए. केंद्र ने कानून के खिलाफ तीन हाई कोर्ट में दाखिल याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने की मांग की थी.
इसलिए केंद्र ने दाखिल की थी ट्रांसफर याचिका
ऐसे समय में जब ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम, 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा विचार किया जा रहा है, केंद्र ने याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए याचिका दायर की, जिससे समानांतर कार्यवाही में परस्पर विरोधी आदेश पारित न हों.
ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम, 2025 का संवर्धन और विनियमन भारत की संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है जो भारत में ऑनलाइन गेमिंग के लाइसेंस, वर्गीकरण और विनियमन के लिए एक व्यापक कानूनी ढांचा प्रदान करता है.
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