आशीष चतुर्वेदी से बातचीत करतीं बरखा दत्त
ग्वालियर:
व्यापमं घोटाले के कवरेज के लिए दिल्ली से गए पत्रकार अक्षय सिंह की मौत के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में काफी खलबली है। एनडीटीवी की कंसल्टेंट एडिटर बरखा दत्त ने ग्वालियर में व्यापमं घोटाले के चार व्हिसिल ब्लोअर में से एक आशीष चतुर्वेदी से बातचीत की।
आशीष चतुर्वेदी ने बरखा दत्त को बताया, इस मामले को उजागर करने के कारण उनकी भी जान को खतरा है और उन पर पहले भी कई बार जानलेवा हमले हो चुके हैं। आशीष के मुताबिक, जिस तरह से एक के बाद एक इस मामले से जुड़े 44 लोगों की हत्या की जा चुकी है, वैसे में वह भी हर वक्त़ डर के साये में जीने को मजबूर हैं कि कहीं उनकी जान न चली जाए।
आशीष के अनुसार, ‘ इस घोटाले को लेकर सरकार में बैठे हुए लोग जिन पर इस जांच की आंच पड़ सकती है, वे सभी प्रभावित हो रहे हैं। फिर चाहे वे मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हों या कोई और, वे हम जैसे लोगों की हत्या कराना चाहते हैं।’
'शिवराज सिंह चौहान भी हैं दागदार'
आशीष ने बरखा दत्त से कहा, ‘मैं पूरी ज़िम्मेदारी से कह सकता हूं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान न सिर्फ इस घोटाले में शामिल हैं, बल्कि आरोपी भी हैं। कोई भी जांच एजेंसी जो इस मामले की जांच तय समय सीमा के भीतर और प्रमाणिक तौर पर इस आश्वासन के साथ करेगी कि वह मुख्यमंत्री के खिलाफ़ भी जांच करेगी तो उन्हें मैं इस बात का प्रमाण उस जांच एजेंसी को ज़रूर दूंगा।’
आशीष को लगता है कि चूंकि मध्य प्रदेश में सरकार से लेकर संतरी तक हर कोई शिवराज का आदमी है इसलिए उनके खिलाफ केस तक दर्ज नहीं हो पा रहा है।
'अक्षय करने वाले थे बड़ा खुलासा'
आज तक के पत्रकार अक्षय सिंह के मामले में आशीष ने बताया कि पिछले तीन दिनों से हम साथ में थे और आशीष के अनुसार, अक्षय डेथ ट्रायल के साथ-साथ डी-मैट और व्यापमं को अलग एंगल से इनवेस्टिगेट करना चाहते थे। वे इस मामले में बहुत जल्द बहुत सारे हाई-प्रोफाइल लोगों को एक्सपोज़ करने वाले थे।
इस मामले के तार किस कदर पूरे सिस्टम से जुड़े हैं, इसके बारे में आशीष ने बताया कि जब वे साल 2012 में डेप्यूटी सेक्रेटरी एसएस कुम्हरी के पास एक शिकायत लेकर गए तो उन्होंने आशीष से कहा कि, इस पूरे कुंए में भांग घुली है, तुम भी नशा लो तुम्हें भी मजा आएगा। आशीष के यह कहने पर कि मैं ऐसा नहीं हूं, कुम्हरी ने कहा, चूंकि तुम्हें अभी कुछ मिला नहीं है इसलिए तुम ऐसा कह रहे हो।
आशीष के अनुसार, राज्य में बीजेपी का शासन 10 सालों से है इसलिए इस मामले के ज्य़ादातर आरोपी बीजेपी से जुड़े हुए हैं, हालांकि कुछ लोग कांग्रेस से भी हैं। सच्चाई सामने आए पर दोनों पार्टियों के लोग बेनकाब होंगे।
आशीष चतुर्वेदी को कोर्ट की तरफ से सुरक्षा भी दी गई है, जिसके तहत एक पीएसओ हमेशा उनके साथ रहता है, लेकिन आशीष का कहना है कि इस सुरक्षा से न तो मैं संतुष्ट फील करता हूं न ही सुरक्षित, क्योंकि ये पीएसओ अक्सर उन्हें एस्कोर्ट करना छोड़ देते हैं, क्योंकि ये लोग खुद ही डरे होते हैं।
'मारकर फेंक देने की धमकी'
आशीष के एक सुरक्षा गार्ड ने ही उन्हें आकर बताया कि सीनियर पुलिस अफ़सर दीपक यादव जो हरिसिंह यादव के दामाद हैं, उनके जानने वालों ने इस पीएसओ के सामने कहा है कि व्यापमं घोटाले में बयान देने वाले आशीष को काट कर फेंक देंगे।
इसके बावजूद मुझे लगता है कि अगर मेरी जान जाने से व्यापमं का सच बाहर आ सके तो सच बाहर आना चाहिए।
आशीष यह भी कहते हैं कि सच सामने लाने के लिए जिस तरह से 44 लोगों ने अपनी जान की क़ुर्बानी दी है, मुझे उम्मीद है कि इसका सच बाहर ज़रूर आएगा।
आशीष चतुर्वेदी ने बरखा दत्त को बताया, इस मामले को उजागर करने के कारण उनकी भी जान को खतरा है और उन पर पहले भी कई बार जानलेवा हमले हो चुके हैं। आशीष के मुताबिक, जिस तरह से एक के बाद एक इस मामले से जुड़े 44 लोगों की हत्या की जा चुकी है, वैसे में वह भी हर वक्त़ डर के साये में जीने को मजबूर हैं कि कहीं उनकी जान न चली जाए।
आशीष के अनुसार, ‘ इस घोटाले को लेकर सरकार में बैठे हुए लोग जिन पर इस जांच की आंच पड़ सकती है, वे सभी प्रभावित हो रहे हैं। फिर चाहे वे मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हों या कोई और, वे हम जैसे लोगों की हत्या कराना चाहते हैं।’
'शिवराज सिंह चौहान भी हैं दागदार'
आशीष ने बरखा दत्त से कहा, ‘मैं पूरी ज़िम्मेदारी से कह सकता हूं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान न सिर्फ इस घोटाले में शामिल हैं, बल्कि आरोपी भी हैं। कोई भी जांच एजेंसी जो इस मामले की जांच तय समय सीमा के भीतर और प्रमाणिक तौर पर इस आश्वासन के साथ करेगी कि वह मुख्यमंत्री के खिलाफ़ भी जांच करेगी तो उन्हें मैं इस बात का प्रमाण उस जांच एजेंसी को ज़रूर दूंगा।’
आशीष को लगता है कि चूंकि मध्य प्रदेश में सरकार से लेकर संतरी तक हर कोई शिवराज का आदमी है इसलिए उनके खिलाफ केस तक दर्ज नहीं हो पा रहा है।
'अक्षय करने वाले थे बड़ा खुलासा'
आज तक के पत्रकार अक्षय सिंह के मामले में आशीष ने बताया कि पिछले तीन दिनों से हम साथ में थे और आशीष के अनुसार, अक्षय डेथ ट्रायल के साथ-साथ डी-मैट और व्यापमं को अलग एंगल से इनवेस्टिगेट करना चाहते थे। वे इस मामले में बहुत जल्द बहुत सारे हाई-प्रोफाइल लोगों को एक्सपोज़ करने वाले थे।
इस मामले के तार किस कदर पूरे सिस्टम से जुड़े हैं, इसके बारे में आशीष ने बताया कि जब वे साल 2012 में डेप्यूटी सेक्रेटरी एसएस कुम्हरी के पास एक शिकायत लेकर गए तो उन्होंने आशीष से कहा कि, इस पूरे कुंए में भांग घुली है, तुम भी नशा लो तुम्हें भी मजा आएगा। आशीष के यह कहने पर कि मैं ऐसा नहीं हूं, कुम्हरी ने कहा, चूंकि तुम्हें अभी कुछ मिला नहीं है इसलिए तुम ऐसा कह रहे हो।
आशीष के अनुसार, राज्य में बीजेपी का शासन 10 सालों से है इसलिए इस मामले के ज्य़ादातर आरोपी बीजेपी से जुड़े हुए हैं, हालांकि कुछ लोग कांग्रेस से भी हैं। सच्चाई सामने आए पर दोनों पार्टियों के लोग बेनकाब होंगे।
आशीष चतुर्वेदी को कोर्ट की तरफ से सुरक्षा भी दी गई है, जिसके तहत एक पीएसओ हमेशा उनके साथ रहता है, लेकिन आशीष का कहना है कि इस सुरक्षा से न तो मैं संतुष्ट फील करता हूं न ही सुरक्षित, क्योंकि ये पीएसओ अक्सर उन्हें एस्कोर्ट करना छोड़ देते हैं, क्योंकि ये लोग खुद ही डरे होते हैं।
'मारकर फेंक देने की धमकी'
आशीष के एक सुरक्षा गार्ड ने ही उन्हें आकर बताया कि सीनियर पुलिस अफ़सर दीपक यादव जो हरिसिंह यादव के दामाद हैं, उनके जानने वालों ने इस पीएसओ के सामने कहा है कि व्यापमं घोटाले में बयान देने वाले आशीष को काट कर फेंक देंगे।
इसके बावजूद मुझे लगता है कि अगर मेरी जान जाने से व्यापमं का सच बाहर आ सके तो सच बाहर आना चाहिए।
आशीष यह भी कहते हैं कि सच सामने लाने के लिए जिस तरह से 44 लोगों ने अपनी जान की क़ुर्बानी दी है, मुझे उम्मीद है कि इसका सच बाहर ज़रूर आएगा।
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