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This Article is From Feb 06, 2024

अजित पवार गुट को EC ने बताया 'असली NCP', उद्धव ठाकरे के बाद शरद पवार को बड़ा झटका

जुलाई 2023 में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत की थी. वो NCP के 40 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ​में ​​​​​शामिल हो गए थे. इसके बाद गठबंधन सरकार में उन्हें डिप्टी CM बनाया गया. देवेंद्र फडणवीस पहले से ही डिप्टी सीएम थे.

जुलाई 2023 में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत की थी.

नई दिल्ली/मुंबई:

शरद पवार (Sharad Pawar) को चुनाव आयोग (Elections Commission) से बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट (Ajit Pawar Faction) को ही असली एनसीपी (NCP) करार दिया है. चुनाव आयोग ने कहा कि तमाम सबूतों के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है कि अजित पवार और उनके साथ गए विधायक ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी है. चुनाव आयोग ने कहा कि अजित पवार गुट को एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न इस्तेमाल करने का अधिकार है. बता दें कि इससे पहले चुनाव आयोग एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना बता चुकी है. चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को नया नाम (शिवसेना UBT) और चुनाव चिह्न (ज्वलंत मशाल) भी अलॉट कर दिया था.

6 महीने से अधिक समय तक चली 10 से अधिक सुनवाई के बाद चुनाव आयोग ने अजित पवार के गुट के पक्ष में मंगलवार को फैसला दिया. आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि शरद पवार गुट को नया नाम और चुनाव चिह्न 7 फरवरी को दोपहर 3 बजे तक अलॉट किया जाएगा. इस बीच  शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.

फैसले पर क्या बोले अजित पवार?
चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और अब एनसीपी पर अधिकार पा चुके अजित पवार ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया. अजित पवार ने कहा, "हमने न्याय पाने के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग से संपर्क किया था, जिसके लिए हमने कई तर्क रखे थे. हमारे देश में सदैव लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का सम्मान किया जाता है." 

अजित पवार ने आगे कहा, "50 विधायकों सहित हम सभी ने एक निर्णय लिया था, जिसे आज चुनाव आयोग ने विनम्रता के साथ स्वीकार कर लिया है. हम चुनाव आयोग के इस फैसले के लिए आभारी हैं. हमारी पार्टी का नाम, प्रतीक और झंडा अब हमें आवंटित कर दिया गया है. हम बेहद खुश हैं. हमने विधानसभा स्पीकर के सामने भी अपील की थी. हम जल्द ही उस नतीजे का इंतजार कर रहे हैं.' 

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जुलाई 2023 में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत की थी. वो NCP के 40 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) सरकार ​में ​​​​​शामिल हो गए थे. इसके बाद गठबंधन सरकार में उन्हें डिप्टी CM बनाया गया. देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) पहले से ही डिप्टी सीएम थे.

अजित पवार ने किया था NCP का बहुमत होने का दावा
अजित पवार ने दावा किया था कि NCP का बहुमत उनके पास है. इसलिए पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर उनका अधिकार है. अजित पवार ने चुनाव आयोग में याचिका दायर कर NCP पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया था. जबकि शरद पवार ने पार्टी छोड़कर जाने वाले 9 मंत्रियों समेत 31 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी.

81 सदस्यों में से 57 अजित पवार गुट के साथ
माना जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव के मद्देनज़र चुनाव आयोग ने ये फैसला दिया है. एनसीपी पार्टी के देशभर में विधायक, सांसद मिलकर 81 सदस्यों में से 57 अजित पवार गुट के साथ हैं. जबकि 28 सदस्य शरद पवार गुट में शामिल हैं. 6 सदस्यों ने दोनों ही गुटों के समर्थन में एफिडेविट दिया था.

कैसे तय होता है किसी पार्टी का असली बॉस?
किसी पार्टी का असली बॉस कौन है, इसका फैसला तीन पॉइंट पर किया जाता है:-
-किस गुट के पास चुने हुए प्रतिनिधि ज्यादा हैं?  
-ऑफिस के पदाधिकारी किसके पास ज्यादा हैं?
-पार्टी की संपत्तियां किस गुट के पास ज्यादा हैं?
हालांकि, जिस गुट के पास ज्यादा सांसद-विधायक होते हैं, आयोग उसे ही असली पार्टी मानती है.

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चुनाव आयोग ने शरद गुट से मांगे 3 नाम
चुनाव आयोग के मुताबिक, शरद पवार गुट समय पर बहुमत साबित नहीं कर सका, इसके चलते चीजें उनके पक्ष में नहीं गईं.  राज्यसभा की 6 सीटों के लिए चुनाव की समयसीमा को ध्यान में रखते हुए शरद पवार गुट को चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 39AA का पालन करने के लिए विशेष रियायत दी गई हैं. उन्हें 7 फरवरी शाम तक नई पार्टी गठन के लिए तीन नाम देने को कहा गया है. नाम नहीं देने पर आयोग अपनी तरफ से शरद पवार गुट को नाम और चुनाव चिह्न अलॉट करेगा.

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अजित पवार ने बगावत के बाद खुद को बताया था NCP अध्यक्ष
अजित पवार ने 40 विधायकों के समर्थन से खुद को पार्टी का नया अध्यक्ष भी घोषित कर दिया था. तब शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग से कहा था कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है. सिर्फ कुछ शरारती लोग अपने व्यक्तिगत हितों के लिए पार्टी से अलग गए हैं.


चुनाव आयोग के फैसले पर नेताओं के रिएक्शन भी आने लगे हैं. आइए जानते हैं इस फैसले पर किसने क्या कहा:-

शरद पवार राख से फिर उठ खड़े होंगे-  जितेंद्र आव्हाड
शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा- "यह होना ही था, हमें पहले से पता था. आज उन्होंने (अजित पवार ने) शरद पवार का राजनीतिक गला घोंट दिया है. ये चुनाव आयोग के लिए शर्मिंदगी की बात है. शरद पवार फीनिक्स हैं. वह राख से फिर उठ खड़े होंगे. हमारे पास अभी भी शक्ति है क्योंकि हमारे पास शरद पवार हैं. हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे."

शिवसेना UBT बोली- देश में लोकतंत्र खत्म 
अजित पवार गुट को एनसीपी का नाम और चुनाव चिन्ह मिलने पर शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, "पहले चुनाव आयोग ने कहा कि शिवसेना एकनाथ शिंदे की है... अब उन्होंने कहा है कि एनसीपी अजित पवार की है. पूरा देश जानता है कि एनसीपी की स्थापना 1999 में शरद पवार ने की थी. हमें पहले से पता था कि ऐसा होगा. शरद पवार सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. इस देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है. हम सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है."

हमारा फैसला सही साबित हुआ-प्रफुल्ल पटेल
चुनाव आयोग के फैसले पर अजित पवार गुट के नेता और कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा, "हम आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं. हम लोकतांत्रिक देश में रहते हैं. लोकतंत्र में किसी भी फैसले को चुनौती दी जा सकती है. हो सकता है कि इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में चुनौती देने की कोशिश की जाएगी...मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि हमने जो फैसला किया वह सही था. चुनाव आयोग के जरिए हमारा फैसला सही साबित हुआ है."

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