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मुलाकात हुई क्या बात हुई? तुलसी गबार्ड और अजित डोभाल में हुई द्विपक्षीय वार्ता, जानिए किन मुद्दों पर हुई चर्चा

गबार्ड ढाई दिन की अपनी पहली उच्च स्तरीय यात्रा के लिए रविवार को दिल्ली आईं थी. डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिकी प्रशासन के किसी शीर्ष अधिकारी ने पहली बार भारत की उच्चस्तरीय यात्रा की है.

मुलाकात हुई क्या बात हुई? तुलसी गबार्ड और अजित डोभाल में हुई द्विपक्षीय वार्ता, जानिए किन मुद्दों पर हुई चर्चा
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के साथ रविवार को द्विपक्षीय वार्ता की और दुनिया भर के शीर्ष खुफिया अधिकारियों के एक सम्मेलन की अध्यक्षता की. सम्मेलन में आतंकवाद और उभरती प्रौद्योगिकियों से उत्पन्न खतरों सहित विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की गई. ऐसा माना जा रहा है कि डोभाल और गबार्ड ने वार्ता के दौरान मुख्य रूप से खुफिया जानकारी साझा करने के तंत्र को मजबूत बनाने और भारत-अमेरिका की वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के साथ सुरक्षा क्षेत्र में मिलकर काम करने के तरीकों पर चर्चा की.

वार्ता को लेकर जानकार लोगों ने बताया कि  बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा, आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए सहयोग तथा प्रत्यर्पण और इमिग्रेशन से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि भारतीय पक्ष ने खालिस्तान समर्थक तत्वों सहित विदेशी धरती से सक्रिय भारत विरोधी तत्वों के बारे में भी अपनी चिंताएं जताईं. 

ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद गबार्ड की पहली उच्च स्तरीय यात्रा
गबार्ड ढाई दिन की अपनी पहली उच्च स्तरीय यात्रा के लिए रविवार को दिल्ली आईं थी. डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिकी प्रशासन के किसी शीर्ष अधिकारी ने पहली बार भारत की उच्चस्तरीय यात्रा की है. अजीत डोभाल और गबार्ड के बीच हुई वार्ता के बारे में शीर्ष सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि दोनों के बीच ‘सार्थक चर्चा' हुई.

कई देशों के खुफिया निदेशक ने सम्मेलन में हिस्सा लिया
अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक, कनाडा के खुफिया विभाग के प्रमुख डेनियल रोजर्स और ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोनाथन पॉवेल दुनिया भर के उन शीर्ष खुफिया अधिकारियों में शामिल थे, जिन्होंने यहां भारत द्वारा आयोजित सुरक्षा सम्मेलन में भाग लिया. बंद कमरे में हुई इस वार्ता पर कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है. माना जा रहा है कि खुफिया और सुरक्षा विभागों के शीर्ष अधिकारियों ने आतंकवाद और उभरती प्रौद्योगिकियों से उत्पन्न खतरों से निपटने के लिए खुफिया जानकारी साझा करने व आपसी सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया है.

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