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स्मृति शेष : विचारवान, ज्ञानवान और साहसी पत्रकार थे अजय उपाध्याय

वरिष्ठ पत्रकार अजय उपाध्याय के निधन से पत्रकारिता जगत में शोक, वाराणसी में शनिवार को हुआ निधन

स्मृति शेष : विचारवान, ज्ञानवान और साहसी पत्रकार थे अजय उपाध्याय
वरिष्ठ पत्रकार अजय उपाध्याय का शनिवार को निधन हो गया (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

वरिष्ठ पत्रकार अजय उपाध्याय का वाराणसी में शनिवार की शाम को हृदय गति रुकने से निधन हो गया. अजय उपाध्याय ज्ञानवान, दृढ़ विश्वासी, विचारवान, साहसी और मृदु भाषी पत्रकार थे. उन्होंने वाराणसी में दैनिक आज से पत्रकारिता शुरू की थी और अमर उजाला, दैनिक जागरण जैसे समाचार पत्रों में काम करने के बाद हिंदुस्तान के प्रधान संपादक रहे थे. 66 वर्षीय उपाध्याय के निधन पर पत्रकारिता जगत में शोक है. अनेक पत्रकारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है.     

सन 1985 से 87 तक काशी पत्रकार संघ के सदस्य रहे अजय उपाध्याय दैनिक आज में संपादकीय पेज के प्रभारी थे. उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी, लेकिन पेशा उन्होंने पत्रकारिता को बनाया था. दैनिक आज से उन्होंने अपना करियर शुरू किया था. दैनिक आज के बाद वे अमर उजाला में गए थे और फिर मृणाल पांडेय के जाने के बाद हिंदुस्तान में ग्रुप एडिटर का जिम्मा संभाला था. 

उपाध्याय मधुमेह रोग को लेकर पिछले कुछ समय से पीड़ित चल रहे थे. बताया जा रहा है कि वाराणसी में शनिवार को अचानक उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई. जिसके चलते उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया. अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

अजय उपाध्याय के मित्र इमेज गुरु दिलीप चेरियन ने एक्स पर एक पोस्ट में उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने लिखा कि- ''उनके जैसे विद्वान पत्रकार या संपादक बहुत कम हुए.''

उन्होंने लिखा- ''अजय भाई के पास जितने सूत्र थे, उतने किसी के पास नहीं थे. उन्होंने कई विषयों पर लिखा, दृढ़ विश्वास और साहस के साथ संपादन किया.'' 

वरिष्ठ पत्रकार राकेश सिंह ने एक पोस्ट में लिखा- ''मेरे मार्गदर्शक एवं गुरु तथा दैनिक हिंदुस्तान के पूर्व संपादक श्री अजय उपाध्याय जी कुछ घंटे पहले स्वर्ग सिधार गए. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें.''

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