अखिल भारतीय सिख छात्र संघ ने सिख समुदाय के सर्वोच्च धार्मिक संगठन, एसजीपीसी के महाकुंभ मेले में शामिल होने के फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह सिख धर्म के ‘बुनियादी सिद्धांतों’ के खिलाफ है।
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अमृतसर:
अखिल भारतीय सिख छात्र संघ (एआईएसएसएफ) ने सोमवार को सिख समुदाय के सर्वोच्च धार्मिक संगठन, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के महाकुंभ मेले में शामिल होने के फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह सिख धर्म के ‘बुनियादी सिद्धांतों’ के खिलाफ है।
एआईएसएसएफ के अध्यक्ष करनैल सिंह पीर मोहम्मद ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘सिख समुदाय सभी धर्मों का आदर करता है लेकिन अपने खुद के गौरवमयी इतिहास को भूलना और दूसरे धर्मों के सिद्धांतों का पालन करना सही नहीं है।’’
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने एसजीपीसी को सोमवार से शुरू हो रहे दो महीने के महाकुंभ में शामिल होने का निमंत्रण दिया था जिसे संगठन ने स्वीकार कर लिया।
मोहम्मद ने कहा कि मेले का सिख धर्म में कोई महत्व नहीं है और इस धार्मिक उत्सव में शामिल होने से सिखों की अलग पहचान को लेकर विशेष तौर पर गलत संदेश जाएगा।
एआईएसएसएफ के अध्यक्ष करनैल सिंह पीर मोहम्मद ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘सिख समुदाय सभी धर्मों का आदर करता है लेकिन अपने खुद के गौरवमयी इतिहास को भूलना और दूसरे धर्मों के सिद्धांतों का पालन करना सही नहीं है।’’
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने एसजीपीसी को सोमवार से शुरू हो रहे दो महीने के महाकुंभ में शामिल होने का निमंत्रण दिया था जिसे संगठन ने स्वीकार कर लिया।
मोहम्मद ने कहा कि मेले का सिख धर्म में कोई महत्व नहीं है और इस धार्मिक उत्सव में शामिल होने से सिखों की अलग पहचान को लेकर विशेष तौर पर गलत संदेश जाएगा।