टाटा समूह (Tata Group) ने गुरुवार को सरकार से आधिकारिक तौर पर एयर इंडिया (Air India) का अधिग्रहण कर लिया. टाटा संस (Tata Sons) के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने पर खुशी जताते हुए कहा कि टाटा समूह में एयर इंडिया को वापस पाकर हम काफी रोमांचित हैं. हम इसे विश्वस्तरीय एयरलाइन बनाने को प्रतिबद्ध हैं. चंद्रशेखरन ने आधिकारिक हैंडओवर से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की. टाटा समूह का वादा है कि वो बिल्कुल वर्ल्ड क्लास एयरलाइन विकसित करेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के बाद एंड चंद्रशेखर ने कहा हम सभी के साथ मिलकर एयर इंडिया को एक वर्ल्ड क्लास ऑनलाइन बनाना चाहते हैं. गुरुवार को एयर इंडिया की मौजूदा बोर्ड की बैठक हुई जिसमें भारत सरकार के ऑफिशियल नॉमिनीस ने एयर इंडिया की कमान टाटा संस द्वारा मनोनीत बोर्ड के नए सदस्यों को सौंप दी. एयर इंडिया के लिए टाटा घराने ने 18,000 करोड़ की बोली लगाई थी. उसने 2700 करोड़ का भुगतान सरकार को किया. साथ ही 15,300 करोड़ के उसके क़र्ज ककी ज़िम्मेदारी ली.
इत्तिफ़ाक से भारत में अपने उड्डयन की शुरुआत टाटा घराने ने ही की थी. इस लिहाज से एयर इंडिया की एक तरह से घर वापसी है. इसी के साथ भारतीय विमानन के आसमान पर टाटा का कब्ज़ा कुछ और बड़ा हो गया है.
निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव तुहीन कांता पांडे ने कहा, "एयर इंडिया का रणनीतिक विनिवेश लेनदेन आज सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें एयर इंडिया के 100 प्रतिशत शेयर प्रबंधन नियंत्रण के साथ मैसर्स टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित किए गए. स्ट्रैटेजिक पार्टनर के नेतृत्व में एक नया बोर्ड एयर इंडिया का प्रभार लेता है."
TATA ने 1932 में की थी AIR India की स्थापना, 1953 में हुआ राष्ट्रीयकरण, 68 साल बाद फिर खरीदा
सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में एयर इंडिया की बिक्री के लिए टाटा समूह के साथ 18,000 करोड़ रुपये में शेयर खरीद समझौता किया था. सौदे में एयर इंडिया एक्सप्रेस और उसकी इकाई एआईएसएटीएस की बिक्री भी शामिल है.
हस्तांतरण प्रक्रिया से पहले, 24 जनवरी को निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने एयर इंडिया लिमिटेड और एआई एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) द्वारा और उनके बीच एयरलाइन की संपत्तियों के हस्तांतरण के लिए किए गए समझौते की रूपरेखा को अधिसूचित किया. एआईएएचएल की स्थापना 2019 में सरकार ने एयर इंडिया समूह की ऋण और गैर-प्रमुख संपत्ति रखने के लिए की थी.
एयर इंडिया की चार अनुषंगी - एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड, एयरलाइन अलाइड सर्विसेस लिमिटेड, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेस लिमिटेड और होटल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ-साथ गैर प्रमुख संपत्तियों आदि को विशेष प्रयोजन इकाई में स्थानांतरित किया गया था.
बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में ऋणदाताओं का एक संघ घाटे में चल रही विमानन कंपनी एयर इंडिया के सुचारू परिचालन के लिए टाटा समूह को ऋण प्रदान करने पर सहमत हो गया है. सूत्रों ने बताया कि एसबीआई के नेतृत्व वाला कंसोर्टियम एयर इंडिया की आवश्यकताओं के अनुसार निश्चित अवधि और कार्यशील पूंजी ऋण दोनों देने पर सहमत हो गया है. सूत्रों के अनुसार पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया सहित सभी बड़े ऋणदाता कंसोर्टियम का हिस्सा हैं.
टाटा समूह को एयर इंडिया की कमान पूरी तरह से मिलने के साथ ही अब देश की 3 एयरलाइन पर टाटा संस का नियंत्रण हो गया है. इससे पहले विस्तारा एयरलाइंस और एयर एशिया में सबसे ज्यादा stake टाटा समूह के पास पहले से हैं. अब देखना महत्वपूर्ण होगा एयर इंडिया का नियंत्रण मिलने के बाद टाटा समूह इसे नए सिरे से किस तरह लांच करता है. (इनपुट भाषा से...)
टाटा ग्रुप की हुई एयर इंडिया, पहले साल किसी कर्मचारी की छंटनी नहीं
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