दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को जा रहे एअर इंडिया के एक विमान को गुरुवार रात तकनीकी दिक्कत के चलते रूस के क्रास्नोयार्स्क अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (KJA) पर उतारा गया. उड़ान संख्या AI183 को कॉकपिट क्रू द्वारा कार्गो होल्ड एरिया में संभावित समस्या का पता चलने के बाद क्रास्नोयार्स्क की तरफ मोड़ दिया गया. विमान में 225 यात्रियों के साथ उड़ान चालक दल के 19 सदस्य सवार थे. अब उन्हें वहां से निकालने की कोशिशें की जा रही हैं. हालांकि इस प्रक्रिया में काफी मुश्किलें भी आ रही हैं.
Air India flight AI-183 operating Delhi to San Francisco has been diverted to Krasnoyarsk International airport (UNKL) in Russia due to a technical reason. The aircraft has landed safely and we are working with relevant authorities to ensure guests are taken care of while we…
— Air India (@airindia) July 18, 2024
एयर इंडिया ने अपने एक दूसरे ट्वीट में कहा, "क्रास्नोयार्स्क अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में एयर इंडिया का कोई अपना स्टाफ नहीं है, इसलिए हम यात्रियों को सभी जरूरी सहायता देने के लिए थर्ड पार्टी की व्यवस्था कर रहे हैं. एयर इंडिया लगातार सरकारी एजेंसियों के साथ भी संपर्क में है. हम सभी यात्रियों और कर्मचारियों के बारे में चिंतित हैं. हम उन्हें जल्द से जल्द क्रास्नोयार्स्क (KJA) से सैन फ्रांसिस्को ले जाने के लिए एक फ़ेरी फ्लाइट की व्यवस्था कर रहे हैं."
Update #2: Air India Flight AI183
— Air India (@airindia) July 18, 2024
Air India flight AI183 of 18 July 2024 operating Delhi to San Francisco made a precautionary landing at Krasnoyarsk International Airport (KJA) in Russia after the cockpit crew detected a potential issue in the cargo hold area. The aircraft…
हालांकि एयरलाइंस के इस दावे को लेकर यात्रियों में नाराजगी है. केवी कृष्णा राव नाम के एक यात्री ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हम एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं. हमें कोई सुविधा नहीं मिल रही है. हमारे पास खाना भी नहीं है और ना ही हमें कोई अपडेट दिया जा रहा है.
एक अन्य परिजन मयंक गुप्ता ने कहा, 'मेरी मां बीमार है और उनका सामान और दवाएं फ्लाइट में है. 70 साल से अधिक उम्र के लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं है. मुझे बहुत दुख हो रहा है और गुस्सा भी आ रहा है.'
My mother is sick and their carry-on (medicine and snacks) and luggage is on the flight. This is inhumane for 70+ old people. We can do better.. I am so sad and angry
— Mayank Gupta (@MayankGDrive) July 18, 2024
एक साल में दूसरी बार एयर इंडिया की रूस में इमरजेंसी लैंडिंग
पिछले एक साल में ये दूसरी बार है जब एयर इंडिया के विमान को रूस में इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी है. पिछले साल जून में दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को जाने वाली एयर इंडिया के विमान AI195 को रूस के मगदान एयरपोर्ट पर आपात लैंडिंग करानी पड़ी थी. इस फ्लाइट में 16 क्रू मेंबर्स के साथ 216 यात्री सवार थे. ये सभी लगभग 40 घंटों तक वहां फंसे रहे थे. जिसके बाद एक फेरी फ्लाइट के जरिए इन्हें सैन फ्रांसिस्को भेजा गया था.
इसके अलावा, टर्मिनल के बाहर यात्रियों के लिए रुकना स्थानीय अधिकारियों की इच्छा और नियम के मुताबिक होता है क्योंकि ये अन्य चीजों के अलावा वीजा और इंट्री परमिट से जुड़ा होता है. इस मामले में यूरोपीय संघ के देश अपेक्षाकृत अधिक सख्त हैं. एयर इंडिया और अन्य एयरलाइंस द्वारा भारत के लिए नॉन स्टॉप उड़ान भरने के साथ ऐसा अतीत में देखा गया है.
रूस में विमान की इमरजेंसी लैंडिंग एक चुनौती क्यों है?
2022 की शुरुआत में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से, विमानन सहित कई क्षेत्रों में रूस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पश्चिमी विमान रूसी हवाई क्षेत्र के ऊपर से उड़ान नहीं भरते हैं, जबकि एयर इंडिया, अमीरात और तुर्की जैसे मुट्ठी भर एयरलाइंस रूस के ऊपर से उड़ान भरते रहते हैं, जो अंतरमहाद्वीपीय उड़ानों के लिए एक छोटा और अधिक किफायती मार्ग है.
एयर इंडिया का निजीकरण किया जा सकता है, लेकिन एयरलाइन, अन्य सभी की तरह, ऐसे मामलों में विदेश मंत्रालय के साथ क्लोज कोऑर्डिनेटशन में काम करती है, जिसमें मदद लेने, मंजूरी में तेजी लाने और जहां जरूरी हो, वहां सहायता प्रदान करने के लिए विदेश में लोकल प्रशासन के साथ समन्वय की जरूरत होती है.
भले ही भारत की रूस में बड़ी राजनयिक मौजूदगी है, लेकिन क्रास्नोयार्स्क में कोई भारतीय वाणिज्य दूतावास नहीं है. ऐसे में सरकार औपचारिक और अनौपचारिक रूप से मंजूरी में मदद करने के लिए कदम उठाती है.
क्रू को तो सुविधा दी जाती है, लेकिन यात्रियों को नहीं!
संचालन दल के पास एक सामान्य डेक्लेरेशन होती है, जो ड्यूटी के दौरान प्रवेश और निकास का ख्याल रखती है. ये कुछ देशों को छोड़कर विश्व स्तर पर अपनाई जाने वाली एक मानक प्रथा है. ये यात्रियों के विपरीत, चालक दल को वैध वीज़ा के बिना देश में प्रवेश करने की अनुमति देता है. अनियमित संचालन के मामलों में, इस बात पर अनिश्चितता बनी रहती है कि अगला प्रस्थान कब होगा और क्या वही दल संचालन करेगा. ये सुनिश्चित करने के लिए कि वे नियामक की न्यूनतम जरूरतों को बनाए रखें, आमतौर पर चालक दल को सबसे पहले आवास उपलब्ध कराया जाता है.
पिछले साल की घटना निश्चित रूप से एयर इंडिया के लिए एक सीख रही है. पिछली बार विमान को रूस से ले जाने में दो दिन लग गए थे. हालांकि इस बार संकेत मिल रहे हैं कि ये एक दिन में किया जा सकता है.
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