महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच हिन्दुत्व पर छिड़े पत्र-युद्ध में AIMIM चीफ और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी कूद पड़े हैं. ओवैसी ने राज्यपाल के कदम की आलोचना की है और इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री से इस तरह के कदम की अपेक्षा करना अप्रासंगिक है और ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था. ओवैसी ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया है, 'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह राज्यपाल द्वारा किया जा रहा है, जिसने संविधान की शपथ ली है. उस शपथ के लिए 'हिंदुत्व' की आवश्यकता नहीं थी. अपने कर्तव्यों के निर्वहन में सीएम की हिंदुत्व के प्रति प्रतिबद्धता अप्रासंगिक है और इसे उठाया भी नहीं जाना चाहिए था.'
Very unfortunate that this is coming from a Governor, someone who has sworn an oath on the Constitution. That oath did not require a test on ‘Hindutva-ness'. The CM's commitment to Hindutva in discharging his duties is irrelevant & should not even have been raised. https://t.co/maKx2nuOE1
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 13, 2020
बता दें कि राज्य में धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर उन पर तंज कसा था और पूछा था कि आप सेक्यूलर कब से हो गए? इस चिट्ठी पर सीएम ने जवाबी चिट्ठी लिखी. पत्र में उद्धव ने गवर्नर को लिखा कि चिट्ठी में मेरे हिन्दुत्व का उल्लेख करना गलत है और हिन्दुत्व के लिए मुझे आप से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है. अपनी जवाबी चिट्ठी में ठाकरे ने ये भी लिखा है, 'मेरे राज्य की राजधानी को पाक अधिकृत कश्मीर कहने वालों को हंसते हुए घर में स्वागत करना मेरे हिंदुत्व में नही बैठता है.'
बता दें कि बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने मुंबई की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर से की थी. बावजूद इसके राज्यपाल ने कंगना को मिलने का समय दिया था. इधर, गवर्नर और सीएम के बीच हुए इस पत्र-युद्ध के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है. एनसीपी चीफ शरद पवार ने मामले में पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.
वीडियो: उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल से कहा- क्या आप संविधान की शपथ भूल गए?
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं