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This Article is From Jun 19, 2022

'अग्निपथ हिंसा में शामिल नहीं थे', अग्निवीर आवेदकों को देना होगा शपथ पत्र: टॉप मिलिट्री अफसर

सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा, "सभी अग्निवीरों को शपथ पत्र (Affidavit) देकर साफ करना होगा कि उन्होंने कभी किसी भी उग्र प्रदर्शन (Violent Protest) या आगजनी में भाग नहीं लिया है.

अग्निवीर उम्मीदवारों को प्रमाण पत्र देना होगा कि वे विरोध या तोड़फोड़ का हिस्सा नहीं थे

नई दिल्ली:

केंद्र की नई सैन्य भर्ती योजना, 'अग्निपथ' (Agneepath) के लिए आवेदन करने वालों को अब शपथ पत्र (Affidavit) देना होगा कि वे देश भर में फैले किसी भी हिंसक विरोध या आगजनी की घटना का हिस्सा नहीं थे. रविवार को सेना, नौसेना और वायु सेना के शीर्ष अधिकारियों प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा, "सभी अग्निवीरों को शपथ पत्र देकर साफ करना होगा कि उन्होंने कभी किसी भी उग्र प्रदर्शन या आगजनी में भाग नहीं लिया है. उन्होंने कहा, "अनुशासन सशस्त्र बलों के लिए एक बुनियादी जरूरत है. अगर किसी भी उम्मीदवार के खिलाफ कोई प्राथमिकी है तो वे इसका हिस्सा नहीं हो सकते हैं.

अधिकारी के अनुसार किए गए दावों का पुलिस सत्यापन करेगी. उन्होंने कहा, "यदि अनुशासन हमारा आधार है, भारतीय सेना की नींव अनुशासन है, तो अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है. उम्मीदवारों को एक प्रमाण पत्र देना होगा कि वे विरोध या तोड़फोड़ का हिस्सा नहीं थे. पुलिस सत्यापन के बिना कोई भी शामिल नहीं हो सकता है."

'वापस नहीं लिया जाएगा अग्निपथ स्कीम'
उन्होंने कहा, "हमने इस योजना को लेकर हाल की हिंसा की उम्मीद नहीं की थी." नई शुरू की गई अग्निपथ योजना को रद्द करने के संबंध में अधिकारी ने यह स्पष्ट कहा कि इसे वापस नहीं लिया जाएगा. यह देश को युवा बनाने का एकमात्र प्रगतिशील कदम है. मैं आपको एक उदाहरण देता हूं. क्या आप जानते हैं कि ऊंचाई और बर्फ वाले क्षेत्रों से स्वास्थ्य कारणों से कितने सैनिकों की मौत होती है? इसके बारे में पढ़ें, तब आपको पता चलेगा कि युवा क्यों महत्वपूर्ण है.

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जीवन बलिदान करने पर एक करोड़ का मुआवजा
सेना अधिकारी ने कहा कि अगर अग्निवीर राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन बलिदान कर देते हैं, तो उन्हें एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा. अरुण पुरी ने कहा, "हम जोश और होश का मिश्रण चाहते हैं और इसीलिए हम आयु प्रोफ़ाइल को कम करना चाहते हैं. वर्तमान में औसत आयु 32 वर्ष है और हम इसे कारगिल समीक्षा समिति और अरुण सिंह समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों के अनुसार कम करना चाहते हैं,"

उन्होंने कहा कि हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं. किसी ने भी उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे. उन्होंने कहा कि सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में अग्निवीरों को भी वही भत्ता मिलेगा, जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है.

रक्षा मंत्री ने तीनों सैन्य प्रमुखों के साथ की बैठक
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निपथ योजना को लेकर आज तीनों सैन्य प्रमुखों के साथ एक मीटिंग की थी. इस मीटिंग में क्या चर्चा हुई इसके बारे में आधिकारिक रूप से तो कुछ नहीं बताया गया. लेकिन इसके बाद सैन्य अधिकारियों की ओर से यह प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. बता दें कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निपथ योजना को लेकर दो दिन में दूसरी बार सैन्य अधिकारियों के साथ आज मीटिंग की है. 

सेना की औसत उम्र को कम करना उद्देश्य
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक के बाद योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी देने के लिए तीनों सेना के प्रमुख की पीसी आयोजित की. पीसी में डीएमए के ए़डिश्नल सेक्रेटरी लेफ्टिनेंन जेनरल अनिल पुरी ने केंद्र की योजना के संबंध में पूरी जानकारी दी. इस दौरान उनका फोकस इस मुद्दे पर रहा कि युवाओं को समझाया जाए कि योजना उनके लिए फायदेमंद है. पीसी में शीर्ष रक्षा अधिकारी ने कहा कि भारतीय सेना में 30 साल की उम्र वाले सैनिकों की बड़ी संख्या है. सेना जवानों की उम्र का पहलू चिंताजनक है. ऐसे में हम सेना में जोश और होश दोनों का कांबिनेशन चाहते हैं.

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'अग्निवीर योजना' लॉन्च होने के बाद शुरू हुआ प्रदर्शन
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने 14 जून को सेना में भर्ती के लिए 'अग्निवीर योजना' लॉन्च की थी. जिसमें 17 से 22 साल के युवाओं को सेना में भर्ती करने का प्रावधान था. योजना में अग्निवीर जवानों को 4 साल बाद नौकरी से रिटायर करने का प्रावधान है. इस योजना के लॉन्च होने के बाद से देश के युवाओं में नाराजगी फैल गई और देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये. इसके बाद उत्तर प्रदेश, बिहार और तेलंगाना में विरोध-प्रदर्शन हिंसक हो गया. शुक्रवार को तेलंगाना में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई. वही सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने तीन ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया.

Video : अग्निपथ योजना का मकसद सेना को युवा बनाना, लंबे वक्‍त से पेंडिंग था रिफॉर्म: शीर्ष रक्षा अधिकारी

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