स्ट्रैटेजिक फॉर्स कमांड (SFC) ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर 3 अप्रैल को शाम को 7 बजे ओडिशा के तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से न्यू जेनरेशन बैलिस्टिक मिसाइल, अग्नि-प्राइम का सफल उड़ान परीक्षण किया. टर्मिनल प्वॉइंट पर रखे गए दो डाउनरेंज जहाजों सहित विभिन्न स्थानों पर तैनात कई रेंज सेंसर द्वारा कैप्चर किए गए डेटा के मुताबिक, मिसाइल ने अपने विश्वसनीय प्रदर्शन का सत्यापन करते हुए परीक्षण के सभी उद्देश्य हासिल कर लिए.
अग्नि-प्राइम के लॉन्च के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड के प्रमुख और डीआरडीओ और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद करे. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सामरिक बल कमान (एसएफसी) के साथ रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) ने तीन अप्रैल को शाम करीब सात बजे ओडिशा तट पर एपीजी अब्दुल कलाम द्वीप से नयी पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया.''
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, एसएफसी और सशस्त्र बलों को सफल परीक्षण के लिए शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि मिसाइल का सफल विकास सशस्त्र बलों की शक्ति को बढ़ाएगा. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने सफल उड़ान परीक्षण के लिए एसएफसी और डीआरडीओ के प्रयासों की सराहना की.
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