प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
आम लोगों के आधार कार्ड की जानकारी रखने वाली एजेंसियों को इस जानकारी को सार्वजनिक करने या प्रकाशित करने की अनुमति नहीं होगी. इसके साथ ही इन एजेंसियों की 12 अंक वाले आधार अंक की गोपनीयता व सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होगी.
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकार (यूआईडीएआई) ने आम लोगों के आधार कार्ड से जुड़ी सूचनाओं के दुपयोग नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है. हाल ही में अधिसूचित निमयों के तहत उक्त एजेंसियों को अब कार्डधारक को यह बताना होगा कि जानकारी का इस्तेमाल कैसे किया जाएगा. इस कदम का उद्देश्य यही सुनिश्चित करना है कि जानकारी का दुरुपयोग नहीं हो.
यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा, ‘नागरिकों द्वारा दी गई जानकारी भी अब सुरक्षित व संरक्षित है. अब यह यूआईडीएआई व विभिन्न उद्देश्यों के लिए आधार संख्या का इस्तेमाल करने वाली एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि वे इस डेटा की सुरक्षा व गोपनीयता सुनिश्चित करें.’
उन्होंने कहा कि आधार कानून का किसी भी तरह का उल्लंघन, अपराध की श्रेणी में है और कानून के तहत दंडनीय है. इसके अनुसार कानून के तहत भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जुटाई गई बायोमीट्रिक सूचना को ‘किसी भी कारण से किसी अन्य के साथ साझा नहीं किया जाएगा.’
इसके अनुसार, ‘अगर कोई व्यक्ति या इकाई किसी से उसके आधार कार्ड की जानकारी लेती है तो उसे तय उद्देश्य के लिए आधार संख्या व अन्य जानकारी अपने पास रखने तथा इसका इस्तेमाल करने के लिए कार्डधारक की सहमति लेनी होगी. ये एजेंसियां या लोग तय उद्देश्य के अलावा कहीं उस आधार कार्ड या जानकारी का इस्तेमाल नहीं कर संकेगे.’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकार (यूआईडीएआई) ने आम लोगों के आधार कार्ड से जुड़ी सूचनाओं के दुपयोग नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है. हाल ही में अधिसूचित निमयों के तहत उक्त एजेंसियों को अब कार्डधारक को यह बताना होगा कि जानकारी का इस्तेमाल कैसे किया जाएगा. इस कदम का उद्देश्य यही सुनिश्चित करना है कि जानकारी का दुरुपयोग नहीं हो.
यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा, ‘नागरिकों द्वारा दी गई जानकारी भी अब सुरक्षित व संरक्षित है. अब यह यूआईडीएआई व विभिन्न उद्देश्यों के लिए आधार संख्या का इस्तेमाल करने वाली एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि वे इस डेटा की सुरक्षा व गोपनीयता सुनिश्चित करें.’
उन्होंने कहा कि आधार कानून का किसी भी तरह का उल्लंघन, अपराध की श्रेणी में है और कानून के तहत दंडनीय है. इसके अनुसार कानून के तहत भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जुटाई गई बायोमीट्रिक सूचना को ‘किसी भी कारण से किसी अन्य के साथ साझा नहीं किया जाएगा.’
इसके अनुसार, ‘अगर कोई व्यक्ति या इकाई किसी से उसके आधार कार्ड की जानकारी लेती है तो उसे तय उद्देश्य के लिए आधार संख्या व अन्य जानकारी अपने पास रखने तथा इसका इस्तेमाल करने के लिए कार्डधारक की सहमति लेनी होगी. ये एजेंसियां या लोग तय उद्देश्य के अलावा कहीं उस आधार कार्ड या जानकारी का इस्तेमाल नहीं कर संकेगे.’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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