महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने रविवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून, प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NRP) पर राज्य के लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने इस मुद्दे पर "गलत सूचना" फैलाने वालों की आलोचना भी की. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सम्मेलन को मुंबई में संबोधित करते हुए उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) और NPR के खिलाफ विधानसभा में किसी तरह के प्रस्ताव लाने की जरूरत को खारिज किया. पवार ने कहा, "राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने जबान दी है. कुछ लोग इस मुद्दे पर अलग तरह की बहस शुरू करना चाहते हैं.''
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उन्होंने कहा कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी से किसी को भयभीत होने की जरूरत नहीं है और उनकी पार्टी ऐसे एहतियात बरतेगी कि महाराष्ट्र के किसी भी नागरिक को सीएए, एनआरसी और एनपीआर से कोई परेशानी नहीं हो. पवार ने कहा,‘‘शरद पवार (राकांपा प्रमुख) तथा अन्य नेताओं ने भरोसा दिलाया है कि महाराष्ट्र में किसी भी व्यक्ति को इससे (सीएए,एनआरसी और एनपीआर) किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी. हम इस मुद्दे पर महाविकास अघाडी सरकार में चर्चा कर चुके हैं.'' उन्होंने इस मामले में और जागरुकता लाने पर जोर दिया.
गौरतलब है कि शरद पवार ने पिछले वर्ष दिसंबर में कहा था कि महाराष्ट्र को आठ अन्य राज्यों की ही तरह संशोधित नागरिकता कानून को लागू करने से इनकार करना चाहिए. राकांपा नेता ने नवाब मलिक ने भी पिछले माह कहा था कि एनआरसी महाराष्ट्र में लागू नहीं होगा.वहीं कांग्रेस ने सीएए और एनपीआर के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाने की मांग की थी. दिलचस्प बात यह है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पिछले माह प्रधानमंत्री से नयी दिल्ली में मुलाकात की थी और इसे बाद कहा था कि सीएए से डरने की जरूरत नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा था कि एनपीआर किसी को भी देश से नहीं निकालेगा. लेकिन उससे पहले उन्होंने कहा था उनकी सरकार प्रस्तावित एनआरसी को राज्य में लागू नहीं करेगी.
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