शशिकला कैंप ने पन्नीरसेल्वम को निकाल दिया है...
चेन्नई:
सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में तमिलनाडु में सीएम पद की दावेदार बताई जा रहीं शशिकला को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को चार साल कैद की सजा भी सुनाई है. उन्हें कोर्ट ने तुरंत सरेंडर करने को कहा है. पुलिस ने गोल्डन बे रिजॉर्ट की घेराबंदी कर रखी है.
@5:40 - पलानीस्वामी अपने समर्थक विधायकों के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचें.
@4:54 - सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि शशिकला आज सरेंडर नहीं करेंगी. उन्हें अभी तक कोर्ट के फैसले की कॉपी नहीं मिली.
@4.25 -पन्नीरसेल्वम को समर्थन देने वाले विधायकों की तादाद 23 हुई
@4.10 -पलानीसामी के साथ 12 सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल से सरकार बनाने का दावा पेश करने जाएगा.राज्यपाल ने 5.30 बजे मिलने का समय दिया है.
@3.43- शशिकला के विश्वासपात्र समझे जाने वाले पांच बार के विधायक पलानीस्वामी सलेम जिले के कद्दावर नेता हैं और अभी उनके पास राजमार्ग, लोक निमार्ण और लघु बंदरगाह विभाग है. वह जयललिता की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती सरकार में भी मंत्री थे और उनके पास तब भी यही विभाग था.
@2.00 -हमने ‘अम्मा की सरकार’ का गठन करने का दावा करते हुए एक पत्र भेजा है : ईके पलानीस्वामी
@1.20 -एडापड्डी पलानीसामी कैबिनेट मंत्री थे. लेकिन इनका इतना बड़ा कद नहीं है, जितना पन्नीरसेल्वम का है. ऐसे में इन्हें कितना समर्थन मिल पाएगा ये सवाल है. दूसरा इन्हें शशिकला ने चुना है, विधायक दल नहीं...
@1.16 -पन्नीरसेल्वम ने विधायकों और मंत्रियों से गुहार लगाई है कि आप सब वापस आकर अपना काम संभालें
@12.45 - शशिकला कैंप ने एडापड्डी पलानीसामी चुने गए AIADMK के विधायक दल के नेता, पन्नीरसेल्वम को पार्टी से निकाला गया.
@12.05 - शशिकला ने विधायक दल का नेता चुनने के लिए पार्टी विधायकों के साथ कूवाथुर रिजॉर्ट में आपात बैठक बुलाई
रिजॉर्ट में ठहरी थीं शशिकला
इसी रिजॉर्ट में शशिकला अपने समर्थक विधायकों के साथ ठहरी हुई थीं. इन विधायकों को पिछले पांच दिनों से यहां पर ठहराया गया है. कहा जा रहा है कि इन विधायकों को किसी से मिलने की इजाजत नहीं थी. बीती रात एक विधायक यहां से बाहर निकल गया और दावा किया कि उसे भागने में काफी मशक्कत करनी पड़ी आरोप यह भी लगा कि शशिकला ने इन विधायकों को यहां पर बंधक बनाकर रखा हुआ है और कोर्ट में पुलिस ने हलफनामा देकर कहा कि विधायकों को बंधक नहीं बनाया गया है. दरअसल इस रिजॉर्ट में विधायकों को ठहराने के पीछे वजह यह थी कि शशिकला नहीं चाहती थीं कि उन्हें समर्थन देने वाले विधायक किसी प्रकार की खरीद-फरोख्त का शिकार हों या फिर उन्हें कोई बहला-फुसलाकर अपने साथ न मिला लें. शशिकला पिछले एक हफ्ते से सीएम बनने की कोशिश में लगी हुई थीं.
समझें पूरा मामला
1991-1996 के बीच जयललिता के मुख्यमंत्री रहते समय आय से अधिक 66 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने के मामले में सितंबर 2014 में बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट ने जयललिता, शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को चार साल की सजा और 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. इस मामले में शशिशकला को उकसाने और साजिश रचने की दोषी करार दिया गया था. लेकिन मई, 2015 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने जयललिता और शशिकला समेत सभी को बरी कर दिया था. इसके बाद कर्नाटक सरकार, डीएमके और सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने चार महीने की सुनवाई के बाद पिछले साल जून में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक सरकार की दलील थी कि हाईकोर्ट का फैसला गलत है और हाईकोर्ट ने बरी करने के फैसले में मैथमैटिकल एरर किया है. सुप्रीम कोर्ट को हाईकोर्ट के फैसले को पलटना चाहिए ताकि ये संदेश जाए कि जनप्रतिनिधि होकर भ्रष्टाचार करने पर कड़ी सजा मिल सकती है.
@5:40 - पलानीस्वामी अपने समर्थक विधायकों के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचें.
@4:54 - सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि शशिकला आज सरेंडर नहीं करेंगी. उन्हें अभी तक कोर्ट के फैसले की कॉपी नहीं मिली.
@4.25 -पन्नीरसेल्वम को समर्थन देने वाले विधायकों की तादाद 23 हुई
@4.10 -पलानीसामी के साथ 12 सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल से सरकार बनाने का दावा पेश करने जाएगा.राज्यपाल ने 5.30 बजे मिलने का समय दिया है.
@3.43- शशिकला के विश्वासपात्र समझे जाने वाले पांच बार के विधायक पलानीस्वामी सलेम जिले के कद्दावर नेता हैं और अभी उनके पास राजमार्ग, लोक निमार्ण और लघु बंदरगाह विभाग है. वह जयललिता की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती सरकार में भी मंत्री थे और उनके पास तब भी यही विभाग था.
@2.00 -हमने ‘अम्मा की सरकार’ का गठन करने का दावा करते हुए एक पत्र भेजा है : ईके पलानीस्वामी
@1.20 -एडापड्डी पलानीसामी कैबिनेट मंत्री थे. लेकिन इनका इतना बड़ा कद नहीं है, जितना पन्नीरसेल्वम का है. ऐसे में इन्हें कितना समर्थन मिल पाएगा ये सवाल है. दूसरा इन्हें शशिकला ने चुना है, विधायक दल नहीं...
@1.16 -पन्नीरसेल्वम ने विधायकों और मंत्रियों से गुहार लगाई है कि आप सब वापस आकर अपना काम संभालें
@12.45 - शशिकला कैंप ने एडापड्डी पलानीसामी चुने गए AIADMK के विधायक दल के नेता, पन्नीरसेल्वम को पार्टी से निकाला गया.
@12.05 - शशिकला ने विधायक दल का नेता चुनने के लिए पार्टी विधायकों के साथ कूवाथुर रिजॉर्ट में आपात बैठक बुलाई
रिजॉर्ट में ठहरी थीं शशिकला
इसी रिजॉर्ट में शशिकला अपने समर्थक विधायकों के साथ ठहरी हुई थीं. इन विधायकों को पिछले पांच दिनों से यहां पर ठहराया गया है. कहा जा रहा है कि इन विधायकों को किसी से मिलने की इजाजत नहीं थी. बीती रात एक विधायक यहां से बाहर निकल गया और दावा किया कि उसे भागने में काफी मशक्कत करनी पड़ी आरोप यह भी लगा कि शशिकला ने इन विधायकों को यहां पर बंधक बनाकर रखा हुआ है और कोर्ट में पुलिस ने हलफनामा देकर कहा कि विधायकों को बंधक नहीं बनाया गया है. दरअसल इस रिजॉर्ट में विधायकों को ठहराने के पीछे वजह यह थी कि शशिकला नहीं चाहती थीं कि उन्हें समर्थन देने वाले विधायक किसी प्रकार की खरीद-फरोख्त का शिकार हों या फिर उन्हें कोई बहला-फुसलाकर अपने साथ न मिला लें. शशिकला पिछले एक हफ्ते से सीएम बनने की कोशिश में लगी हुई थीं.
समझें पूरा मामला
1991-1996 के बीच जयललिता के मुख्यमंत्री रहते समय आय से अधिक 66 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने के मामले में सितंबर 2014 में बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट ने जयललिता, शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को चार साल की सजा और 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. इस मामले में शशिशकला को उकसाने और साजिश रचने की दोषी करार दिया गया था. लेकिन मई, 2015 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने जयललिता और शशिकला समेत सभी को बरी कर दिया था. इसके बाद कर्नाटक सरकार, डीएमके और सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने चार महीने की सुनवाई के बाद पिछले साल जून में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक सरकार की दलील थी कि हाईकोर्ट का फैसला गलत है और हाईकोर्ट ने बरी करने के फैसले में मैथमैटिकल एरर किया है. सुप्रीम कोर्ट को हाईकोर्ट के फैसले को पलटना चाहिए ताकि ये संदेश जाए कि जनप्रतिनिधि होकर भ्रष्टाचार करने पर कड़ी सजा मिल सकती है.
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