आईएनएस विराट (फाइल फोटो)
मुंबई:
भारत के पहले विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस के विक्रांत के नौसेना बेडे से जाने के बाद आईएनएस विराट ने उसकी जगह ली थी, लेकिन अब आईएनएस विराट भी जाने वाला है। 1986 में नौसेना बेडे में शामिल हुआ आईएनएस विराट भारतीय समंदर की शान हुआ करता था, वो आज भी है, लेकिन सालभर बाद नहीं रहेगा। भारत के पहले विमानवाहक युद्धपोत विक्रांत की तरह ये भी इतिहास बनने की राह पर है।
नौसेना पश्चिमी कमान प्रमूख वाईस एडमिरल सुरिंदर पाल सिंह चीमा के मुताबिक विराट अगले साल तक नौसेना बेड़े से विदा कर दिया जाएगा।
लंबी समुद्री सीमा वाले भारत में अभी सिर्फ दो विमानवाहक युद्धपोत है। विराट के जाने के बाद आइएनएस विक्रमादित्य अकेला रह जाएगा जबकि जरूरत तीन की है। नौसेना दिवस के ठीक एक दिन पहले भारत का सबसे बड़ा विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य मुंबई आया था।
2014 में नौसेना बेड़े में शामिल हुआ विक्रमादित्य देश का सबसे विशाल युद्धपोत संमंदर में चलता फिरता किलानुमा है जिसकी लंबाई 283 मीटर यानी फूटबॉल के तीन मैदान जितनी है। इस पर 30 लड़ाकू जहाज और हेलिकॉफ्टर तैनात रहते हैं।
डिफेंस प्रवक्ता राहुल सिन्हा के मुताबिक विक्रांत भारत का पहला विमानवाहक युद्धपोत था, लेकिन वो विदेश में बना था। अब भारत में ही देश का पहला विमानवाहक युद्धपोत बन रहा है इसलिए 2018 में जब वो नौसेना बेड़े में शामिल होगा तो उसे भी आईएनएस विक्रांत नाम ही दिया जाएगा।
नौसेना पश्चिमी कमान प्रमूख वाईस एडमिरल सुरिंदर पाल सिंह चीमा के मुताबिक विराट अगले साल तक नौसेना बेड़े से विदा कर दिया जाएगा।
लंबी समुद्री सीमा वाले भारत में अभी सिर्फ दो विमानवाहक युद्धपोत है। विराट के जाने के बाद आइएनएस विक्रमादित्य अकेला रह जाएगा जबकि जरूरत तीन की है। नौसेना दिवस के ठीक एक दिन पहले भारत का सबसे बड़ा विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य मुंबई आया था।
2014 में नौसेना बेड़े में शामिल हुआ विक्रमादित्य देश का सबसे विशाल युद्धपोत संमंदर में चलता फिरता किलानुमा है जिसकी लंबाई 283 मीटर यानी फूटबॉल के तीन मैदान जितनी है। इस पर 30 लड़ाकू जहाज और हेलिकॉफ्टर तैनात रहते हैं।
डिफेंस प्रवक्ता राहुल सिन्हा के मुताबिक विक्रांत भारत का पहला विमानवाहक युद्धपोत था, लेकिन वो विदेश में बना था। अब भारत में ही देश का पहला विमानवाहक युद्धपोत बन रहा है इसलिए 2018 में जब वो नौसेना बेड़े में शामिल होगा तो उसे भी आईएनएस विक्रांत नाम ही दिया जाएगा।
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