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This Article is From Aug 02, 2016

जानिए जीएसटी लागू होने के बाद रोजमर्रा की कौन सी चीजें होंगी सस्ती, कौन सी महंगी

जानिए जीएसटी लागू होने के बाद रोजमर्रा की कौन सी चीजें होंगी सस्ती, कौन सी महंगी
प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली: जीएसटी लागू होने के बाद इससे अर्थव्यवस्था पर बहुत ज्यादा असर पड़ेगा. रोजमर्रा की कुछ चीजें सस्ती होंगी, तो कुछ महंगी. अर्थशास्त्रियों के मुताबिक टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसे सामान सस्ते हो सकते हैं, वहीं रेडीमेड गारमेंट और सर्विस टैक्स के दायरे में आने वाली सेवाएं महंगी हो जाएंगी.

फिलहाल बाजार में बिकने वाले सामानों पर केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग टैक्स लगाती हैं. राज्यों में लगने वाला टैक्स भी एक से दूसरे राज्यों में अलग होता है. अब विधायिका की मंजूरी के बाद इन सभी टैक्सों की जगह सिर्फ एक टैक्स होगा जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवाकर (Goods and Services Tax).

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कंज्यूमर गुड्स पर कैसा होगा जीएसटी का असर?
इसके असर को समझने के लिए हम पहुंचे दिल्ली के आनंद विहार में स्थित EDM मॉल के बिग बाजार में. सबसे पहले हम कंज्यूमर गुड्स सेक्शन में पहुंचे. यहां बिकने वाले टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन और एसी जैसे प्रोडक्ट्स पर केंद्र और राज्य सरकारें काफी टैक्स वसूलती हैं. उदाहरण के लिए  30,000 की कीमत पर बिकने वाली एसी की असल कीमत 23,000 से 24,000 के आसपास होती है. इसमें बाकी का 6,000 से 7,000 रुपये टैक्स का हिस्सा होता है.

फ्रीज, वाशिंग मशीन, एसी जैसे सामानों पर लगने वाला टैक्स औसतन 25% से 28% तक होता है. अर्थशास्त्री मानते हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद इनकी कीमतें घट सकती हैं. जेएनयू के अर्थशास्त्री हिमांशु ने एनडीटीवी से कहा, 'जीएसटी रेट 17% से 20% के बीच रहने की उम्मीद है. ऐसे में जाहिर है, इन पर लगने वाला टैक्स कम होगा और ये सस्ते होंगे.'

गारमेंट सेक्टर पर क्या होगा असर?
लेकिन रेडिमेड गारमेंट सेक्टर पर जीएसटी का असर बिल्कुल अलग होगा. अभी देश में गारमेंट पर एक्साइज ड्यूटी नहीं लगायी जाती है. इसकी वजह से कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की तरह गारमेंट्स पर टैक्स का बोझ कम होता है. गारमेंट्स पर स्थानीय स्तर पर जो टैक्स लगाया जाता है वो 10% से 12% होता है. ऐसे में जीएसटी लागू होने के बाद गारमेंट पर टैक्स बढ़ेगा और वो महंगी हो सकती हैं.

जीएसटी का असर सर्विस टैक्स के दायरे में आने वाले सेवाओं पर भी पड़ सकता है. अभी AC रेस्टारेंट से लेकर दूसरी कई सेवाओं पर 15% सर्विस टैक्स लगता है. GST रेट थोड़ा भी ज़्यादा तय हुआ तो ये सभी सेवाएं महंगी होंगी.

पांच पेट्रोलियम पदार्थ और शराब जीएसटी दायरे से बाहर
दरअसल जीएसटी रेट हर वो प्रोडक्ट जिस पर टैक्स लगता है, उसके रेट को प्रभावित कर सकता है. प्रस्तावित कानून में जीएसटी रेट तय करने का अधिकार जीएसटी काउंसिल को दिया गया है, जिसमें केंद्र और राज्यों की सहमति से इसे तय करने की बात कही गई है. फिलहाल पांच पेट्रोलियम पदार्थों और शराब को इसके दायरे से बाहर रखा गया है, क्योंकि इन दोनों से राज्यों को सबसे ज्यादा कमाई होती है और वो इस अधिकार को फिलहाल छोड़ने को तैयार नहीं हैं.

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