दशकों बाद जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और सीमा पार गोलीबारी के भय के बगैर चुनाव हो रहे हैं: PM मोदी

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में आतंकवादियों और भ्रष्टाचारियों को घेरा है और इस अवधि में जम्मू कश्मीर पूरी तरह से बदल गया है. उन्होंने कहा, ‘‘सबसे बड़ी उपलब्धि हृदय परिवर्तन और लोगों का निराशा से आशा की ओर बढ़ना है. जम्मू-कश्मीर के दोनों क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री आ रहे हैं, जो यहां के लोगों का सपना था.’’

दशकों बाद जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और सीमा पार गोलीबारी के भय के बगैर चुनाव हो रहे हैं: PM मोदी

उधमपुर (जम्मू कश्मीर):

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में आगामी लोकसभा चुनाव आतंकवाद, हड़ताल, पथराव और सीमा पार से गोलीबारी के डर के बिना होंगे. साथ ही, उन्होंने यह दावा भी किया कि पिछले तीन दशकों में अलगाववादियों द्वारा चलाए गए ‘चुनाव बहिष्कार' अभियान अब इतिहास बन गए हैं.

उधमपुर में एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने जम्मू कश्मीर के लोगों की लंबी पीड़ा को खत्म करने का अपना वादा पूरा किया है. उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को संविधान का अनुच्छेद 370 वापस लाने की चुनौती दी, जिसे अगस्त 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार द्वारा निरस्त कर दिया गया था.

उधमपुर लोकसभा सीट से चुनावी जीत की हैट्रिक लगाने की कोशिश कर रहे केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के समर्थन में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मोदी मैदान में इस रैली का आयोजन किया गया था. यहां 19 अप्रैल को मतदान होना है. कांग्रेस ने चौधरी लाल सिंह को और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) ने जी एम सरूरी को उम्मीदवार बनाया है.

मोदी ने कहा, ‘‘मैं पिछले पांच दशक से जम्मू-कश्मीर आता रहा हूं. मुझे याद है कि 1992 में लाल चौक (श्रीनगर में) पर तिरंगा फहराने के लिए एकता यात्रा हुई थी. हमारा भव्य स्वागत हुआ था. 2014 में मैंने माता वैष्णो देवी मंदिर में पूजा करके इसी स्थल पर लोगों को संबोधित किया था और पीढ़ियों से (आतंकवाद के कारण) संकट झेलने वाले लोगों को मुक्त कराने की गारंटी दी थी.''

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों के आशीर्वाद से उन्होंने उस गारंटी को पूरा किया है. उन्होंने कहा, ‘‘दशकों बाद यह चुनाव आतंकवाद, अलगाववाद, पथराव, हड़ताल और सीमापार आतंकवाद के डर के बिना हो रहे हैं, जो अब चुनावी मुद्दे नहीं हैं. वैष्णो देवी और अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता रहती थी, लेकिन हालात एकदम बदल गए हैं. जम्मू-कश्मीर में विकास हो रहा है और सरकार में लोगों का विश्वास मजबूत हो रहा है.''

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के 1990 के दशक में सिर उठाने के बाद हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व में अलगाववादी जम्मू कश्मीर में चुनाव बहिष्कार अभियान चलाते थे. अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद आगामी लोकसभा चुनाव इस क्षेत्र में पहला चुनाव होगा और इस बार न तो ऐसा कोई अभियान है और न ही पथराव जैसी कोई घटनाएं हुई हैं.

अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए मोदी ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को विवादास्पद संवैधानिक प्रावधान वापस लेने की चुनौती दी और कहा कि ‘वे ऐसा नहीं कर सकते'.

उन्होंने कहा, ‘‘वंशवादी व्यवस्था वाले परिवारों ने किसी और की तुलना में जम्मू-कश्मीर को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. ये पार्टियां परिवार की होती हैं, परिवार के लिए होती हैं और परिवार द्वारा संचालित होती हैं और ये वही हैं जिन्होंने अनुच्छेद 370 की दीवार खड़ी की. उन्होंने एक भ्रम पैदा किया कि केवल अनुच्छेद 370 ही यहां के लोगों के जीवन की रक्षा कर सकता है.''

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आपके आशीर्वाद से मोदी ने न केवल इस दीवार को गिराया है, बल्कि इसके मलबे को भी दफना दिया है. मैं विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस को चुनौती देता हूं कि वे यह घोषणा करें कि वे अनुच्छेद 370 को वापस लाएंगे. देश उनके चेहरे तक को नहीं देखेगा.''

मोदी ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों को लगता था कि अनुच्छेद 370 को रद्द करने से क्षेत्र आग में जल जाएगा और जम्मू कश्मीर देश से अलग हो जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्र के युवाओं ने उन्हें आईना दिखाया. जब लोगों को उनकी असलियत का पता चला और उन्होंने उन्हें नकार दिया तो इन पार्टियों ने देश के बाकी हिस्सों में यह धारणा फैलानी शुरू कर दी. जम्मू-कश्मीर में मेरी बहनों और बेटियों से पूछिए कि अपने अधिकारों के लिए कौन तरस रहा था? वे जानते हैं कि उनके भाई और उनके बेटे ने उन्हें उनके अधिकार दिए हैं.''

प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से समाज के विभिन्न वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित हुआ और उन्हें आजादी के बाद पहली बार अपने संवैधानिक अधिकार मिले.

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सैनिकों की माताओं को अब पथराव को लेकर कोई चिंता नहीं है. घाटी की माताएं मुझ पर आशीर्वाद बरसा रही हैं क्योंकि उन्हें अब इस बात की चिंता नहीं है कि उनके बेटे गलत हाथों में पड़ जाएंगे. वे आराम से सो रहे हैं. अब पुल नहीं जल रहे हैं, जबकि आधुनिक सुरंगों, चौड़ी सड़कों और रेलवे यात्रा के साथ नए एम्स, आईआईटी और आईआईएम बन रहे हैं, जो जम्मू-कश्मीर का भाग्य बन रहे हैं.''

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में आतंकवादियों और भ्रष्टाचारियों को घेरा है और इस अवधि में जम्मू कश्मीर पूरी तरह से बदल गया है. उन्होंने कहा, ‘‘सबसे बड़ी उपलब्धि हृदय परिवर्तन और लोगों का निराशा से आशा की ओर बढ़ना है. जम्मू-कश्मीर के दोनों क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री आ रहे हैं, जो यहां के लोगों का सपना था.''

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आपका सपना मोदी का संकल्प है. मोदी ने अपने जीवन का हर मिनट आपको और देश को समर्पित किया है और 2047 तक ‘विकसित भारत' की गारंटी को पूरा करने के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘कृपया मुझ पर विश्वास कीजिए, मैं उन समस्याओं से निजात दिलाऊंगा जिन्होंने जम्मू कश्मीर को पिछले 60 वर्षों से परेशान किया हुआ था.''

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों सिंह (उधमपुर से) और जुगल किशोर (जम्मू से) के लिए वोट मांगते हुए मोदी ने कहा कि आगामी चुनाव केंद्र में मजबूत सरकार बनाने के लिए भी हैं जो देश की चुनौतियों का डटकर सामना कर सके.

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प्रधानमंत्री ने शाहपुर-कांडी बांध के पूरा होने में देरी के लिये कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा, ‘‘रावी नदी का पानी पाकिस्तान में बह रहा है जबकि सांबा और कठुआ में हमारे किसान कष्ट झेल रहे हैं. मोदी ने किसानों को दी गई गारंटी को पूरा किया क्योंकि बांध के पूरा होने से हजारों लोगों को फायदा होने वाला है, जिससे यहां के घर भी रोशन होंगे.''
 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)