कई अफ्रीकी नेताओं ने भारत की ओर से आयोजित शिखर सम्मेलन में जी20 देशों के अफ्रीकी संघ (एयू) को अपने 21वें सदस्य के रूप में स्वीकार करने संबंधी सर्वसम्मत फैसले का स्वागत किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा था, ‘‘जी20 परिवार के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ का स्वागत करते हुए सम्मानित महसूस कर रहा हूं. इससे जी20 मजबूत होगा और ‘ग्लोबल साउथ' की आवाज भी मजबूत होगी.'' मोदी ने कोमोरोस संघ के राष्ट्रपति और अफ्रीकी संघ (एयू) के अध्यक्ष अजाली असौमानी को गले लगाया और नयी दिल्ली में शिखर सम्मेलन की कार्यवाही में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया.
अफ्रीकी नेताओं ने अपनी प्रतिक्रियाओं में मोदी के इस विचार की पुष्टि की कि कैसे जी20 के 21वें सदस्य के रूप में अफ्रीका को शामिल करने से वैश्विक चुनौतियों से निपटने में अधिक प्रभावी आवाज उठाने के वास्ते महाद्वीप के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा. एयू आयोग के अध्यक्ष मौसा फाकी महामत ने पूर्ण सदस्य के रूप में जी20 में समूह में अफ्रीकी संघ के शामिल होने का स्वागत किया. उन्होंने ‘एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘‘जी20 में शामिल किये जाने की हम लंबे समय से वकालत कर रहे थे और इस समूह में शामिल होने से वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में अधिक प्रभावी आवाज उठाने के वास्ते महाद्वीप के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा.''
एयू के पूर्व अध्यक्ष एवं दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, मोदी द्वारा घोषित निर्णय को साझा करने वाले पहले अफ्रीकी नेताओं में से थे. रामफोसा ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमें खुशी है कि जी20 ने अफ्रीकी संघ को जी20 के सदस्य के रूप में स्वीकार कर लिया है.'' उन्होंने कहा, ‘‘अफ्रीकी और अन्य विकासशील अर्थव्यवस्था वाले देशों के रूप में, हमें गरीबी, असमानता और बेरोजगारी जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों के बीच अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की बाध्यता का सामना करना पड़ता है.''
रामफोसा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण का क्षरण, अस्थिर खपत तथा उत्पादन और संसाधनों की कमी ऐसी चुनौतियां हैं जिनसे केवल सामूहिक रूप से और व्यापक एकजुटता के साथ निपटा जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण अफ्रीका सतत विकास के लिए उन्नत और विस्तारित वैश्विक साझेदारी का आह्वान करता है और इसे ‘विकास के लिए वित्तपोषण: अदीस अबाबा एक्शन एजेंडा' में उल्लेखित ठोस नीतियों और कार्यवाहियों द्वारा समर्थन दिया जाना चाहिए.''
केन्या के राष्ट्रपति विलैम रुटो ने भी अफ्रीकी संघ को जी20 में शामिल किये जाने का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि जी20 में एयू की भागीदारी से अफ्रीकी महाद्वीप की आवाज को वैश्विक मंच पर अधिक प्रभावशाली तरीके से रखा जा सकेगा. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी ने जी20 में पूर्ण सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ के शामिल होने की सराहना की. मिस्र के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में अल-सिसी ने कहा कि यह ‘‘सही दिशा में उठाया गया कदम है जो महाद्वीप की प्राथमिकताओं को अंतरराष्ट्रीय एजेंडे में रखने का अवसर प्रदान करता है.''
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