अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल से एयर इंडिया (Air India) के विशेष विमान से दिल्ली पहुंचे अफगान नागरिकों ने घरों में रह गए लोगों और उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है. साथ ही उन्होंने कहा है कि अफगानिस्तान में स्थिति वास्तव में खराब है. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) से 129 यात्रियों को लेकर एयर इंडिया का विमान AI244 रविवार को दिल्ली पहुंचा था. काबुल से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची एक महिला का दर्द फूट पड़ा. उन्होंने कहा, 'मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि दुनिया ने अफगानिस्तान को छोड़ दिया है. हमारे दोस्त मारे जा रहे हैं. तालिबान (Taliban) हमें मार रहा है. हमारी महिलाओं को कोई अधिक अधिकार नहीं मिलने वाले हैं.'
भारत में रहकर पढ़ने वाले कई अफगान छात्र भी विमान के जरिये भारत पहुंचे. बेंगलुरु में बीबीए के छात्र अब्दुल्ला मसूदी ने कहा, 'लोग बैंकों की तरफ भाग रहे हैं. मैंने कोई हिंसा नहीं देखी है, लेकिन मैं यह नहीं कह सकता हूं कि कोई हिंसा हुई ही नहीं है. मेरा परिवार अफगानिस्तान में है. मेरी यात्रा पूर्व नियोजित थी. कई लोग काबुल से चले गए हैं.‘
आम नागरिकों के साथ ही अफगानिस्तान के कई राजनेता और अधिकारी भी रविवार को दिल्ली पहुंचे. अफगानिस्तान में राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार रिजवानुल्ला अहमदजई ने कहा, 'अफगानिस्तान के ज्यादातर इलाकों में शांति है. मंत्रियों और अन्य लगभग सभी राजनीतिक व्यक्तियों ने काबुल छोड़ दिया है. करीब दो सौ लोग दिल्ली आए हैं. मुझे लगता है कि यह नया तालिबान है जो महिलाओं को काम करने की इजाजत देगा.'
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वहीं दिल्ली पहुंचे अफगानिस्तान के सांसद अब्दुल कादिर जजई ने कहा कि पाकिस्तान तालिबान के करीबी समर्थकों में से एक है. उन्होंने एएनआई को बताया कि अफगानिस्तान की सरकार और तालिबान के मध्य एक शांति समझौता हुआ था. यह सिर्फ एक हैंडओवर प्रक्रिया थी. अब काबुल में स्थिति शांत है. पाकिस्तान तालिबान के करीबी समर्थकों में से एक है. साथ ही उन्होंने कहा कि मेरा परिवार अभी भी काबुल में है.
वहीं अफगानिस्तान के पक्तिया प्रांत के सांसद सैयद हसन पक्तियावल भी दिल्ली पहुंचे और कहा कि उनके देश में स्थिति बेहद खराब है. उन्होंने कहा, 'मैं देश छोड़ना नहीं चाहता. मैं यहां एक बैठक के लिए आया था. मैं अफगानिस्तान वापस जाऊंगा. वहां स्थिति वास्तव में खराब है.'
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दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले लोग भी अफगानिस्तान के घटनाक्रम को लेकर चिंतित हैं. जंगपुरा में रहने वाले हिदायतुल्ला ने कहा, 'नेता भाग रहे हैं और लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. मैंने दोस्तों से बात की है और उन्होंने बताया है कि तालिबान काबुल में घुस गया है. हालिया इस युद्ध के कारण मैंने अपने चचेरे भाई को खो दिया है.' वहीं दिल्ली में रहने वाली अफगानिस्तान की महिलाएं महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता को लेकर चिंतित हैं.
सूत्रों के अनुसार, भारत अफगानिस्तान में तेजी से बदलते हालात पर करीब से नजर रख रहा है और तालिबान के नियंत्रण में आने के बाद काबुल से अपने राजनयिकों को निकालने का फैसला करेगा. रविवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने और तालिबान के राजधानी में प्रवेश कर लिया है.
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