आदर्श घोटाले के सिलसिले में बनाए गए जांच आयोग की रिपोर्ट महाराष्ट्र की विधानसभा में पेश की गई जिसे कांग्रेस और एनसीपी की सरकार ने नकार दिया। सूत्र बता रहे हैं कि रिपोर्ट में अमेरिका में विवाद में आई भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को गैर-कानूनी रूप से लाभ पाने वालों की सूची में रखा गया है।
महाराष्ट्र के सदन में रखी गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कांग्रेसी नेता और राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने सोसाइटी को अनापत्ति प्रमाण पत्रों को दिलाने के एवज में अपने तीन रिश्तेदारों सीमा शर्मा, मदनलाल शर्मा और भगवती शर्मा को फ्लैट दिलवाए।
गौरतलब है कि इस घोटाले के सामने आने के बाद अशोक चव्हाण से जबरन इस्तीफा ले लिया गया था। रिपोर्ट कहती है कि आदर्श सोसाइटी के लिए दो पूर्व मुख्यमंत्री स्व. विलासराव देशमुख और वर्तमान में गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी गैर-कानूनी रूप से रुचि दिखाई थी।
रिपोर्ट स्पष्ट रूप से कहती है कि सोसाइटी के सदस्यों के लिए जो नियम रखे गए वह पारदर्शी नहीं थे और मनमाने रूप से निजी लोगों को फायदे पहुंचाने वाले थे। रिपोर्ट में इस बात को साबित करने के लिए 22 बेनामी लेन-देन को भी दर्शाया है।
महाराष्ट्र विधानसभा के शीतसत्र के अंतिम दिन आज जब सरकार ने इस रिपोर्ट को नकारे जाने की घोषणा की तब हो हल्ला के बीच सदन का कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने सरकार के कदम के विरोध में बहिर्गमन किया और आरोप लगाया कि सरकार अपने लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है।
भाजपा नेता अरुण जेटली ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि 2-जी पर जेपीसी की रिपोर्ट को दबा दिया गया। महाराष्ट्र में आदर्श घोटाले के कैबिनेट ने दबा दिया। क्या कभी सचाई को दबाया जा सकता है?
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल ने आदर्श घोटाले के संबंध में अशोक चव्हाण के खिलाफ केस चलाने की सीबीआई को इजाजत नहीं दी है।
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