विज्ञापन
This Article is From Jan 17, 2023

Exclusive: "चीन से कह रहे हैं हमारा बूस्‍टर डोज लें",NDTV से SII के सीईओ अदार पूनावाला

अदार पूनावाला ने NDTV से चर्चा में कहा, "हम चाहते हैं कि चीन जल्‍द से जल्‍द इस मुसीबत से उबर जाए. चीन में इस समय जैसी स्थिति है, दुर्भाग्‍यपूर्ण है. हम कोरोना के खिलाफ जंग में उनकी सफलता की कामना करते हैं."

अदार पूनावाला ने कहा, कोवोवैक्‍स ने ओमिक्रॉन और सब वैरिएंट के खिलाफ अच्‍छा रिस्‍पांस दिया है

दावोस:

कोरोना महामारी जब दुनियाभर में कहर बरपा रही थी, तब सीरम इंस्‍टीट्यूट की वैक्‍सीन भारत सहित दुनिया के कई देशों के लिए बड़ी उम्‍मीद बनकर सामने आई थी. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के CEO अदार पूनावाला ने अब कहा है कि वे कोरोना वैक्‍सीन -कोवोवैक्‍स और कोविशील्‍ड, चीन में देने पर विचार कर रहे हैं. दुनिया अभी भी कोविड संकट का सामना कर रही है. कोरोना के खिलाफ वैक्‍सीन आने के बाद लग रहा था कि हम इस बुरे दौर को पीछे छोड़ देंगे लेकिन चीन में अभी भी कोरोना चिंता का कारण बना हुआ है, चीन को लेकर आपकी चिंता क्‍या है, इस सवाल पर अदार पूनावाला ने NDTV को विशेष इंटरव्‍यू में कहा, "हम चाहते हैं कि चीन जल्‍द से जल्‍द इस मुसीबत से उबर जाए. चीन में इस समय जैसी स्थिति है, वह दुर्भाग्‍यपूर्ण है. हम कोरोना के खिलाफ जंग में उनकी सफलता की कामना करते हैं. दुनिया के हर देश में, हर किसी के इस स्थिति से उबरना जरूरी है. दुनिया के लिए भी यह बेहतर होगा कि चीन जल्‍द से जल्‍द इस स्थिति से उबर जाए. " 

भारत को लेकर उन्‍होंने कहा, "हम अच्‍छी स्थिति में हैं. हमें घबराने की जरूरत नहीं है. बेहद अच्‍छी कोविड वैक्‍सीन की हमारी "कवरेज" 90 फीसदी से अधिक पहुंच चुकी है. हर्ड इम्‍युनिटी भी बन चुकी है. हम चीन से भी चाहते हैं कि वह राजनीतिक मतभेदों और चिंताओं को परे रखे और पश्चिमी देशों और भारत की वैक्‍सीन को बूस्‍टर वैक्‍सीन के तौर पर ले. " आप यह कैसे करेंगे, इस सवाल पर अदान पूनावाला ने कहा, "हम निजी और अन्‍य माध्‍यमों से उन तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रहे हैं. हमें अभी तक पूरा रिस्‍पांस नहीं मिला है. मुझे लगता है कि वे फैसला कर रहे हैं कि किस तरफ जाना चाहिए. हमें उम्‍मीद है कि वे इस बारे में जल्‍द से जल्‍द कोई निर्णय लेंगे. हमारी ओर से उनके (चीन के) लिए कोवोवैक्‍स का ऑफर इसलिए किया गया है क्‍योंकि ओमिक्रॉन और सब वैरिएंट के खिलाफ इसने अच्‍छा काम किया है. कोविशील्‍ड के मुकाबले इसका दो से तीन गुना अच्‍छा रिस्‍पांस है. इसी कारण से हमारे नागरिकों के लिए भी कोवोवैक्‍स ज्‍यादा अहम वैक्‍सीन है. पुराने वैक्‍सीन नए स्‍ट्रेन के लिए कम असरदायक हैं ऐसे में कोवावैक्‍स ज्‍यादा अहम है. "

उन्‍होंने बताया कि इसे यूएसएफटीए ने इसे मंजूरी दी है. यूरोप ने भी इसे बूस्‍टर के तौर पर मंजूरी दी है. कल डीसीजीआई ने भी इसे बूस्‍टर डोज के तौर पर अप्रूब किया है. आपने किसी भी वैक्‍सीन का पहला और दूसरा डोज लिया है, इसे ले सकते हैं."पूनावाला ने बताया कि नई वैक्‍सीन की कीमत  ₹ 200-300 होगी और यह जल्‍द ही केंद्र सरकार के CoWin App पर होगी.  उन्‍होंने बताया कि SII ने विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के समक्ष मलेरिया वैक्‍सीन को लेकर डेटा भी पेश किया है और इस वैक्‍सीन ने 77 फीसदी से अधिक मामलों में प्रभावशीलता प्रदर्शित की है और वे इस वर्ष के अंत तक अफ्रीका में इसे शुरू करने की उम्‍मीद कर रहे हैं.  इसके अलावा, भारत में वैक्सीन का सबसे बड़ा निर्माता, SII, डेंगू के लिए एक वैक्सीन पर भीकाम कर रहा है, जो चरण क्‍लीनिकल ट्रायल के दूसरे-तीसरे फेस में है.  उन्होंने कहा कि तीन डोज में दी जाने वाली वैक्सीन दो साल में तैयार हो सकती है.

ये भी पढ़ें- 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com