नई दिल्ली:
महिलाओं पर तेजाब हमले को रोकने के मकसद से सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिगों के तेजाब खरीदने पर रोक लगाते हुए आदेश दिया है कि 18 साल से अधिक आयु के उन्हीं लोगों को तेजाब बेचा जाए, जिनके पास वैध पहचान पत्र हो और उसे इस्तेमाल का मकसद भी बताना होगा।
तेजाब विक्रेता को तीन दिनों के अंतराल पर बिक्री का ब्योरा स्थानीय पुलिस को देना होगा। तेजाब के अघोषित स्टॉक को जब्त किया जा सकता है और विक्रेता पर 50,000 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तेजाब हमले की शिकार को कम से कम तीन लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए और पीड़ित के पुनर्वास का खर्च सरकार उठाए।
न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अगुवाई वाली एक पीठ ने कहा कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश केंद्र सरकार द्वारा तैयार 'आदर्श मसौदा नियमावली' (मॉडल ड्राफ्ट रूल्स) के आधार पर दिशानिर्देश जारी करें। अब तक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने तेजाब की बिक्री को नियमित नहीं किया है।
पीठ ने कहा कि संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों और प्रत्येक केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासकों को इस आदेश का शीघ्रता से पालन सुनिश्चित करना चाहिए और केंद्र सरकार की ओर से आदर्श मसौदा नियमावली मिलने के तीन माह के अंदर कानून बनाना चाहिए। साथ ही पीठ ने केंद्र और राज्य सरकारों से मिलकर काम करने तथा विष अधिनियम, 1919 के तहत आवश्यक कानून बनाने के लिए कहा, ताकि तेजाब हमलों को गैर जमानती अपराध बनाया जा सके।
तेजाब हमले की शिकार दिल्ली निवासी लक्ष्मी की वर्ष 2006 में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने तेजाब की बिक्री सहित विभिन्न मुद्दों पर कई अंतरिम दिशानिर्देश भी जारी किए। उच्चतम न्यायालय की पीठ ने 17 राज्यों और 7 केंद्रशासित प्रदेशों की क्षतिपूर्ति संबंधी योजनाओं के बारे में कहा कि दी जा रही राशि पूरी तरह नाकाफी है।
पीठ ने कहा कि इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि तेजाब हमलों के पीड़ितों को कई बार प्लास्टिक सर्जरी और अन्य इलाज की जरूरत होती है। इसे देखते हुए सॉलिसीटर जनरल ने हमें सुझाव दिया कि राज्यों द्वारा तेजाब हमले के पीड़ितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि बढ़ाकर कम से कम तीन लाख रुपये की जानी चाहिए। न्यायालय ने कहा कि सुझाव बिल्कुल स्पष्ट है। इसके आधार पर हम आदेश देते हैं कि संबद्ध राज्य सरकार तेजाब हमला पीड़ितों को उनके इलाज और पुनर्वास के खर्च के लिए कम से कम तीन लाख रुपये की अनुग्रह राशि दे। पीठ ने यह भी कहा कि इसमें से एक लाख रुपये हमले की जानकारी मिलने के 15 दिन के अंदर दे दिए जाएं।
न्यायालय ने आगे कहा कि शेष दो लाख रुपये संबद्ध राज्य सरकार या केंद्र सरकार घटना के दो माह के भीतर दे दे। साथ ही पीठ ने कहा कि इस आदेश की अनुपालना क्रमश: राज्यों के मुख्य सचिव और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासक सुनिश्चित करें।
(इनपुट भाषा से भी)
तेजाब विक्रेता को तीन दिनों के अंतराल पर बिक्री का ब्योरा स्थानीय पुलिस को देना होगा। तेजाब के अघोषित स्टॉक को जब्त किया जा सकता है और विक्रेता पर 50,000 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तेजाब हमले की शिकार को कम से कम तीन लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए और पीड़ित के पुनर्वास का खर्च सरकार उठाए।
न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अगुवाई वाली एक पीठ ने कहा कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश केंद्र सरकार द्वारा तैयार 'आदर्श मसौदा नियमावली' (मॉडल ड्राफ्ट रूल्स) के आधार पर दिशानिर्देश जारी करें। अब तक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने तेजाब की बिक्री को नियमित नहीं किया है।
पीठ ने कहा कि संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों और प्रत्येक केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासकों को इस आदेश का शीघ्रता से पालन सुनिश्चित करना चाहिए और केंद्र सरकार की ओर से आदर्श मसौदा नियमावली मिलने के तीन माह के अंदर कानून बनाना चाहिए। साथ ही पीठ ने केंद्र और राज्य सरकारों से मिलकर काम करने तथा विष अधिनियम, 1919 के तहत आवश्यक कानून बनाने के लिए कहा, ताकि तेजाब हमलों को गैर जमानती अपराध बनाया जा सके।
तेजाब हमले की शिकार दिल्ली निवासी लक्ष्मी की वर्ष 2006 में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने तेजाब की बिक्री सहित विभिन्न मुद्दों पर कई अंतरिम दिशानिर्देश भी जारी किए। उच्चतम न्यायालय की पीठ ने 17 राज्यों और 7 केंद्रशासित प्रदेशों की क्षतिपूर्ति संबंधी योजनाओं के बारे में कहा कि दी जा रही राशि पूरी तरह नाकाफी है।
पीठ ने कहा कि इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि तेजाब हमलों के पीड़ितों को कई बार प्लास्टिक सर्जरी और अन्य इलाज की जरूरत होती है। इसे देखते हुए सॉलिसीटर जनरल ने हमें सुझाव दिया कि राज्यों द्वारा तेजाब हमले के पीड़ितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि बढ़ाकर कम से कम तीन लाख रुपये की जानी चाहिए। न्यायालय ने कहा कि सुझाव बिल्कुल स्पष्ट है। इसके आधार पर हम आदेश देते हैं कि संबद्ध राज्य सरकार तेजाब हमला पीड़ितों को उनके इलाज और पुनर्वास के खर्च के लिए कम से कम तीन लाख रुपये की अनुग्रह राशि दे। पीठ ने यह भी कहा कि इसमें से एक लाख रुपये हमले की जानकारी मिलने के 15 दिन के अंदर दे दिए जाएं।
न्यायालय ने आगे कहा कि शेष दो लाख रुपये संबद्ध राज्य सरकार या केंद्र सरकार घटना के दो माह के भीतर दे दे। साथ ही पीठ ने कहा कि इस आदेश की अनुपालना क्रमश: राज्यों के मुख्य सचिव और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासक सुनिश्चित करें।
(इनपुट भाषा से भी)
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