गायक अभिजीत भट्टाचार्य स्वदेशी सोशल नेटवर्किंग साइट 'मूषक' के सदस्य बन गए हैं.
नई दिल्ली:
मशहूर गायक अभिजीत भट्टाचार्य स्वदेशी सोशल नेटवर्क 'मूषक' के नवीनतम सदस्य बन गए हैं. अभिजीत के अनुसार 'ट्विटर' पर निष्पक्षता समाप्त हो चुकी है और 'ट्विटर' प्रबंधन बिना किसी तर्क या सोच के स्वयं की विचारधारा उपयोगकर्ताओं पर थोपने का प्रयास कर रहा है.
अभिजीत का कहना है कि उनके साथ 'ट्विटर' ने एकतरफा निर्णय लिया और जो अनुचित और अभद्र टिप्पणियां उनके खिलाफ थीं उन उपयोगकर्ताओं को सरंक्षण और बढ़ावा दिया. उन्हें उम्मीद है 'मूषक' सही मायनों में भारत की आवाज बन सकेगा.
पुणे की उपज 'मूषक' ने 2015 में एक प्रयास किया था 'ट्विटर' का विकल्प बनने का जो फलीभूत नहीं हो पाया. संस्थापक अनुराग गौड़ इसे नए सिरे से दो जुलाई को लाए हैं. तीन सप्ताह में इसकी प्रगति देखने लायक है. स्वामी रामदेव से लेकर कई विख्यात पत्रकार इस पर अब अपने प्रशंसकों से जुड़ रहे हैं और इसके दैनिक यूजर कुछ हजार पर पहुंच चुके हैं.
अनुराग गौड़ के अनुसार अभी वे कुछ गंभीर लेखकों को ही 'मूषक' पर लाना चाह रहे हैं ताकि इस स्वदेशी विकल्प पर शुरू से ही गंभीर चर्चा हो सके. 'मूषक' पर शब्द सीमा 500 अक्षर है और आपको खाता बनाने के लिए ओटीपी की आवश्यकता है ताकि ट्रोलिंग की समस्या को नियंत्रण में रखा जा सके.
वीडियो- रामजस कॉलेज के विवाद में गायक अभिजीत भी कूदे
अन्य कई फीचर से लैस 'मूषक' भारत की सभी भाषाओं में उपलब्ध होगा. यह डिजिटल भारत में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने का सपना रखता है. अनुराग गौड़ का मानना है कि 'ट्विटर' जैसी वेबसाइट अंग्रेजी को ज्यादा महत्व देती हैं और उनकी पहुंच बहुत ही सीमित है. 'मूषक' सही मायने में इस चर्चा को गणतांत्रिक बनाएगा और असली भारत की आवाज बन भारतीय मुद्दों को प्रभावित करने की क्षमता छोटे से छोटे गांव में रह रहे नागरिकों तक पहुंचाएगा.
अभिजीत का कहना है कि उनके साथ 'ट्विटर' ने एकतरफा निर्णय लिया और जो अनुचित और अभद्र टिप्पणियां उनके खिलाफ थीं उन उपयोगकर्ताओं को सरंक्षण और बढ़ावा दिया. उन्हें उम्मीद है 'मूषक' सही मायनों में भारत की आवाज बन सकेगा.
पुणे की उपज 'मूषक' ने 2015 में एक प्रयास किया था 'ट्विटर' का विकल्प बनने का जो फलीभूत नहीं हो पाया. संस्थापक अनुराग गौड़ इसे नए सिरे से दो जुलाई को लाए हैं. तीन सप्ताह में इसकी प्रगति देखने लायक है. स्वामी रामदेव से लेकर कई विख्यात पत्रकार इस पर अब अपने प्रशंसकों से जुड़ रहे हैं और इसके दैनिक यूजर कुछ हजार पर पहुंच चुके हैं.
अनुराग गौड़ के अनुसार अभी वे कुछ गंभीर लेखकों को ही 'मूषक' पर लाना चाह रहे हैं ताकि इस स्वदेशी विकल्प पर शुरू से ही गंभीर चर्चा हो सके. 'मूषक' पर शब्द सीमा 500 अक्षर है और आपको खाता बनाने के लिए ओटीपी की आवश्यकता है ताकि ट्रोलिंग की समस्या को नियंत्रण में रखा जा सके.
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अन्य कई फीचर से लैस 'मूषक' भारत की सभी भाषाओं में उपलब्ध होगा. यह डिजिटल भारत में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने का सपना रखता है. अनुराग गौड़ का मानना है कि 'ट्विटर' जैसी वेबसाइट अंग्रेजी को ज्यादा महत्व देती हैं और उनकी पहुंच बहुत ही सीमित है. 'मूषक' सही मायने में इस चर्चा को गणतांत्रिक बनाएगा और असली भारत की आवाज बन भारतीय मुद्दों को प्रभावित करने की क्षमता छोटे से छोटे गांव में रह रहे नागरिकों तक पहुंचाएगा.
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