आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निचली अदालत में जमानत नहीं मिलने के खिलाफ दिल्ली हाइकोर्ट में अपील करने का फैसला लिया है।
केजरीवाल नितिन गडकरी की मानहानि के मामले में आज भी बेल बॉन्ड भरने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें दोबारा 6 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजने का आदेश दे दिया। अदालत ने कहा कि वह पहले के आदेश को नहीं बदलेगी और अगर केजरीवाल चाहें तो इसे ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकते हैं।
अदालत ने केजरीवाल से फिर पूछा कि उन्हें मुचलका भरने में क्या परेशानी है जबकि यह सिर्फ एक हलफनामा है। अदालत ने कहा, केजरीवाल के लिए अदालत अलग प्रक्रिया नहीं चला सकती। केजरीवाल ने एक बार फिर निजी मुचलका न भरने की बात कही और अदालत से अपील की कि उन्हें सिर्फ हलफनामे पर रिहा किया जाए।
इससे पूर्व, पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार को केजरीवाल को 10,000 रुपये का बेल बॉन्ड न भरने के बाद दो दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था, जिसके बाद शाम को आम आदमी पार्टी के समर्थकों ने तिहाड़ जेल के बाहर जमकर प्रदर्शन किया था। पुलिस ने एतियातन तिहाड़ जेल के आसपास धारा 144 लगा दी थी, लेकिन इसके बावजूद केजरीवाल के समर्थक तिहाड़ जेल के बाहर धरने पर जबरन बैठे रहे।
आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ कथित भूमि घोटाले को लेकर जन जागरूकता अभियान शुरू करने का फैसला किया है।
'आप' ने कहा, पार्टी किसी भी ऐसे नेता को जनता की नजर से नहीं बचने देगी, जो भ्रष्टाचार में शामिल है और वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अपने राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के सैद्धांतिक रुख के साथ पूरी तरह खड़ी रहेगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि गडकरी के खिलाफ घर-घर जाने का अभियान पहले ही शुरू किया जा चुका है।
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