AAP के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दलितों पर हमले राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा बनने के बीच आम आदमी पार्टी (आप) ने बीजेपी के कथित 'दलित विरोधी एवं मनुवादी' चेहरे को बेनकाब करने के लिए चुनाव वाले राज्यों-पंजाब, गोवा और गुजरात में 'दलित घोषणापत्र' जारी करने का फैसला किया है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि विशेष रूप से दलितों पर केंद्रित घोषणापत्र में इन राज्यों में योजनाबद्ध तरीके से दलितों का उत्पीड़न किए जाने का उल्लेख होगा और उन्हें सामाजिक विकास में शामिल करने के एजेंडे के अभाव को लोगों के सामने रखा जाएगा। इसके साथ बताया कि आप पंजाब की तरह ही गोवा में भी युवा घोषणापत्र लाएगी।
एक वरिष्ठ आप नेता ने कहा, 'चूंकि केंद्र की दलितों के विरुद्ध अपराध के अपराधियों पर कोई कार्रवाई करने में रुचि नहीं है, तब क्या विकल्प रह जाता है? गुजरात में, यह पहली बार नहीं है कि दलितों को इतनी बुरी तरह पीटा गया। लेकिन कितने लोगों को पता है कि यह होता आ रहा है।' उन्होंने कहा कि आप मानती है कि बीजेपी के दलित विरोधी और मनुवादी चेहरे को बेनकाब करने का समय आ गया है । लोगों को पता चलना चाहिए कि उसका ऐसा कोई समावेशी एजेंडा नहीं है जिसका दलित हिस्सा होंगे।
इस नेता ने कहा, 'उन्होंने मायावती का अपमान क्यों किया?... मैं समझता हूं कि समय आ गया है कि लोगों को पता चले कि बीजेपी दलित विरोधी है। यह मूल रूप से मनुवादी पार्टी है और उसका अपने विकास एजेंडे में दलितों को शामिल करने के लिए अपना कोई समावेशी एजेंडा नहीं है।'
अभी हाल में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात यात्रा की थी और बीजेपी केा दलित विरोधी करार दिया था। उन्होंने इस यात्रा के दौरान उन दलितों से भेंट की थी जिन्हें गौरक्षकों ने पीटा था।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पार्टी सूत्रों ने बताया कि विशेष रूप से दलितों पर केंद्रित घोषणापत्र में इन राज्यों में योजनाबद्ध तरीके से दलितों का उत्पीड़न किए जाने का उल्लेख होगा और उन्हें सामाजिक विकास में शामिल करने के एजेंडे के अभाव को लोगों के सामने रखा जाएगा। इसके साथ बताया कि आप पंजाब की तरह ही गोवा में भी युवा घोषणापत्र लाएगी।
एक वरिष्ठ आप नेता ने कहा, 'चूंकि केंद्र की दलितों के विरुद्ध अपराध के अपराधियों पर कोई कार्रवाई करने में रुचि नहीं है, तब क्या विकल्प रह जाता है? गुजरात में, यह पहली बार नहीं है कि दलितों को इतनी बुरी तरह पीटा गया। लेकिन कितने लोगों को पता है कि यह होता आ रहा है।' उन्होंने कहा कि आप मानती है कि बीजेपी के दलित विरोधी और मनुवादी चेहरे को बेनकाब करने का समय आ गया है । लोगों को पता चलना चाहिए कि उसका ऐसा कोई समावेशी एजेंडा नहीं है जिसका दलित हिस्सा होंगे।
इस नेता ने कहा, 'उन्होंने मायावती का अपमान क्यों किया?... मैं समझता हूं कि समय आ गया है कि लोगों को पता चले कि बीजेपी दलित विरोधी है। यह मूल रूप से मनुवादी पार्टी है और उसका अपने विकास एजेंडे में दलितों को शामिल करने के लिए अपना कोई समावेशी एजेंडा नहीं है।'
अभी हाल में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात यात्रा की थी और बीजेपी केा दलित विरोधी करार दिया था। उन्होंने इस यात्रा के दौरान उन दलितों से भेंट की थी जिन्हें गौरक्षकों ने पीटा था।
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