सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को कहा कि वह आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) को एक याचिका पर अदालत को संबोधित करने की अनुमति नहीं देगा, जिसमें 14 दिसंबर के राफेल फैसले (Rafale Case) की समीक्षा करने की मांग की गई है. कोर्ट ने यह यह बात सिंह द्वारा सुप्रीम कोर्ट के बारे में की गई कुछ टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए कही. इसके बाद गुरुवार को संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से सवाल करते हुए पूछा कि मैं पूछना चाहता हूं कि मैंने अवमानना कब की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मेरी किसी कार्यवाही पर देश को न्याय देने से वंचित न करें, मुझे जो भी सजा देना हो दी जाय.
संजय सिंह ने फेसबुक पर पोस्ट लिखते हुए कहा है, 'साथियों नमस्कार सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मेरा पक्ष जरूर पढ़े. राफेल भ्रष्टाचार हिंदुस्तान की आजादी के बाद का रक्षा सौदे में हुआ सबसे बड़ा घोटाला है. मैंने सबसे पहले इस घोटाले को उजागर किया, मेरे खिलाफ अनिल अंबानी ने 5000 करोड़ का मानहानि का मुकदमा भी किया. मैंने सीबीआई, सीवीसी, सीएजी सबको शिकायत की. कहीं से कुछ नहीं हुआ. फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. वहां मोदी सरकार ने झूठ बोला की राफेल की सीएजी रिपोर्ट आ चुकी है. पीएसी ने उसको ऑडिट कर लिया. इसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला मोदी सरकार के पक्ष में दे दिया.'
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इसके साथ ही पोस्ट में सिंह ने लिखा है, 'मैंने फिर पुनर्विचार याचिका दाखिल की. बुधवार को उस पर सुनवाई के दौरान मोदी सरकार ने अपना भ्रष्टाचार छिपाने के लिए कहा 'राफेल की फाइल चोरी हो गई'. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कब चोरी हुई? सरकार ने कहा 8 फरवरी को. सुप्रीम कोर्ट ने कहा एक महीने में क्या कार्रवाई की. सरकार खामोश हो गई. इस दौरान जब मेरी सुनवाई का नंबर आया तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा मैंने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की है. इसलिए वो मुझे नहीं सुनेंगे. मैं बड़ी विनम्रतापूर्वक सुप्रीम कोर्ट से पूछना चाहता हूं कि मैंने कब क्या कैसे अवमानना की? कृपया मुझे बताया जाया और उस आधार माननीय सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा. मुझे मंजूर है. लेकिन मेरा ये विनम्र अनुरोध है कि मेरी किसी कार्यवाही पर देश को न्याय देने से वंचित न करें. मुझे जो भी सजा देना हो, दी जाय. लेकिन देश के रक्षा सौदे में हुए राफेल घोटाले में मेरा पक्ष सुनने की कृपा की जाय.'
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इसके अलावा उन्होंने एक ट्वीट भी किया था. ट्वीट में लिखा है, 'सबरीमाला, राम मंदिर कई मामलों में माननीय सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ खुलेआम अपमानजनक टिप्पणी करने वाले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व अन्य नेताओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने कोई कार्रवाई नहीं की. लेकिन राफेल भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में मेरा गुनाह बताये बगैर मुझे सुनने से मना कर दिया.'
सबरीमाला, राम मंदिर कई मामलों में मा.सर्वोच्च न्यायालय के ख़िलाफ़ खुलेआम अपमान जनक टिप्पणी करने वाले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व अन्य नेताओं के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट ने कोई कार्यवाही नही की लेकिन राफ़ेल भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में मेरा गुनाह बताये बग़ैर मुझे सुनने से मना कर दिया।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) March 7, 2019
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बता दें, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े से कहा, ‘हमारे पास आपके मुवक्किल (संजय सिंह) द्वारा इस संस्थान के बारे में दिये गये कुछ बयान हैं. ये बहुत ही आपत्तिजनक हैं. हम आपको नहीं सुनेंगे.' संजय सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े से पीठ ने कहा कि इन बयानों के बारे में उन्हें सुनने के बाद हम आप सांसद के खिलाफ कुछ आदेश पारित करेंगे. पीठ ने कहा, ‘हम इस मामले (राफेल) और सीबीआई के मामलों के संबंध में उनके द्वारा दिये गये बयानों के संदर्भ में आपको सुनने के बाद फैसला लेंगे.'
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