मणिपुर के मुद्दे पर संसद में लगातार विपक्ष का हंगामा जारी है. कल सभापति जगदीप धनखड़ ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सत्र के बचे हुए दिनों के लिए सदन से निलंबित करने का फैसला. इसको लेकर आप नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का बयान सामने आया है.
Parliament functions on the basis of rules of procedure and past precedents. I quoted an important precedent today in the Rajya Sabha while demanding a discussion on the burning issue of #Manipur.
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) July 25, 2023
On August 17, 2012, the Chairman of Rajya Sabha received multiple notices from MPs… pic.twitter.com/YNyEj9qV1T
राघव चड्ढा ने ट्वीट कर लिखा," मैंने आज राज्यसभा में मणिपुर के ज्वलंत मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए एक महत्वपूर्ण उदाहरण का हवाला दिया. 17 अगस्त 2012 को, विभिन्न राज्यों में पूर्वोत्तर भारत के प्रवासियों पर हमलों पर चर्चा के अनुरोध को लेकर राज्यसभा के सभापति को सांसदों से कई नोटिस मिले. उन्होंने तुरंत प्रश्नकाल को निलंबित कर दिया और नियम 267 के तहत हमलों पर चर्चा शुरू की. मणिपुर में वर्तमान स्थिति को देखते हुए, जो कि बहुत भयावह है, 2012 के उदाहरण का पालन करते हुए और उसी नियम 267 के तहत चर्चा की अनुमति दी जानी चाहिए."
दरअसल, सोमवार को 27 विपक्षी सांसदों ने नियम 267 के तहत मणिपुर पर राज्यसभा में चर्चा की मांग के लिए नोटिस दिया था, लेकिन सभापति ने इसे स्वीकार नहीं किया.
कल यानी सोमवार को संसद में मॉनसून सत्र के तीसरे दिन मणिपुर मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में नारेबाजी की राज्यसभा में मणिपुर मुद्दे पर सभापति जगदीप धनखड़ से बहस कर रहे आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह को पूरे मॉनसून सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया. जिसके बाद कई विपक्षी सांसदों ने इस कार्रवाई का विरोध किया है.
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