आप नेता संदीप कुमार
नई दिल्ली:
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संदीप कुमार को एक आपत्तिजनक सेक्स की सीडी सामने आने के बाद महिला एवं शिशु कल्याण मंत्री के पद से हटा दिया है. इस मामले के बाद संदीप कुमार एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं. इससे पहले वह पिछले साल तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने महिला दिवस के मौके पर कहा था कि वह हर सुबह अपनी पत्नी के पैर छूते हैं. उनके इस बयान पर समाज के कुछ खेमे से उन्होंने शाबाशियां बटोरीं थीं तो वहीं कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति भी जताई थी. इस बयान के बाद उनकी पत्नी ऋतु वर्मा ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया था कि किस तरह उनके एक रिश्तेदार ने फोन पर कहा था कि संदीप के इस वक्तव्य से परिवार की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है.
पढ़ें पूरा मामला
दरअसल 8 मार्च 2015 को महिला दिवस के उपलक्ष्य में हुए एक कार्यक्रम के दौरान कुमार ने अपनी सफलता में पत्नी ऋतु वर्मा के बलिदानों का ज़िक्र करते हुए कहा था 'मैं अपने माता-पिता के पैर छूता हूं क्योंकि वे मुझे इस दुनिया में लाए, मुझे बड़ा किया और मुझे अच्छी शिक्षा दी. लेकिन उनके बाद मेरी पत्नी ही थीं जो संकट की घड़ी में भी मेरे साथ थी और इसके लिए मैं उनका सम्मान करता हूं.' संदीप की इस बात पर सभागृह तालियों से गूंज उठा था. दिलचस्प बात यह है कि एक साल बाद सोशल मीडिया पर एक बार फिर इसी बयान को याद किया जा रहा है लेकिन इस बार संदर्भ अलग है.
पढ़ें संदीप कुमार की प्रतिक्रिया
बता दें कि 35 साल के संदीप कुमार आप कैबिनेट के सबसे युवा मंत्री बताए जाते हैं, साथ ही वह पार्टी का दलित चेहरा भी हैं. गुरुवार को ही उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि 'मैं दलित हूं और इसका मुझे खामियाज़ा भुगतना पड़ रहा है. मेरे खिलाफ साज़िश की जा रही है.' इसके आगे संदीप ने लिखा है कि 'पैसे और ताकत के दम पर मुझ जैसे आदमी पर आरोप लगाना और साबित करना भी बड़ी बात नहीं. मैंने बाबा साहब भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा अपने घर पे लगाई और दलितों की बात करता हूं, इसलिए मुझे फंसाया जा रहा है.'
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दरअसल 8 मार्च 2015 को महिला दिवस के उपलक्ष्य में हुए एक कार्यक्रम के दौरान कुमार ने अपनी सफलता में पत्नी ऋतु वर्मा के बलिदानों का ज़िक्र करते हुए कहा था 'मैं अपने माता-पिता के पैर छूता हूं क्योंकि वे मुझे इस दुनिया में लाए, मुझे बड़ा किया और मुझे अच्छी शिक्षा दी. लेकिन उनके बाद मेरी पत्नी ही थीं जो संकट की घड़ी में भी मेरे साथ थी और इसके लिए मैं उनका सम्मान करता हूं.' संदीप की इस बात पर सभागृह तालियों से गूंज उठा था. दिलचस्प बात यह है कि एक साल बाद सोशल मीडिया पर एक बार फिर इसी बयान को याद किया जा रहा है लेकिन इस बार संदर्भ अलग है.
पढ़ें संदीप कुमार की प्रतिक्रिया
बता दें कि 35 साल के संदीप कुमार आप कैबिनेट के सबसे युवा मंत्री बताए जाते हैं, साथ ही वह पार्टी का दलित चेहरा भी हैं. गुरुवार को ही उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि 'मैं दलित हूं और इसका मुझे खामियाज़ा भुगतना पड़ रहा है. मेरे खिलाफ साज़िश की जा रही है.' इसके आगे संदीप ने लिखा है कि 'पैसे और ताकत के दम पर मुझ जैसे आदमी पर आरोप लगाना और साबित करना भी बड़ी बात नहीं. मैंने बाबा साहब भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा अपने घर पे लगाई और दलितों की बात करता हूं, इसलिए मुझे फंसाया जा रहा है.'
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