मेरठ के बाल सुधार गृह से रविवार देर रात 91 बाल कैदी ग्रिल तोड़कर फरार हो गए। लगभग ढाई बजे हुई इस घटना का पता चलते ही मेरठ पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया।
आनन-फानन में शहर के सभी थानों की पुलिस को अलर्ट कर बस अड्डों और रेलवे स्टेशन पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया है। सुबह से अब तक 35 किशोरों को पकड़े जाने की जानकारी मिली है।
मेरठ के सूरजकुंड की घनी आबादी के बीच बने इस बाल सुधार गृह में करीब 155 किशोर थे, जो मेरठ, बागपत, हापुड़, गाज़ियाबाद, गौतम बुद्ध नगर जिलों से संबंधित हैं। बुलंदशहर जिले के 45 किशोरों को कल बुलंदशहर शिफ्ट कर दिया गया था।
मेरठ के बाल सुधार गृह में क्षमता से अधिक बाल कैदी थे, जिन्हें संभालना मुश्किल हो रहा था। इसलिए आसपास के सभी जिलों में अस्थाई बाल सुधार गृह की व्यवस्था करके उन जिलों से संबंधित किशोरों को शिफ्ट किए जाने की कार्यवाही इन दिनों चल रही थी। इसी बीच यह घटना हो गई है।
मेरठ का बाल सुधार गृह कई बार चर्चाओं में रहा है। किशोरों के फरार होने और सुरक्षाकर्मियों के साथ उनके टकराव की घटनाएं यहां आम बात रही है। सबसे बड़ी घटना अभी हाल ही में 11 दिसंबर को घटी, जब इन किशोरों से हुए टकराव में पुलिस के एक सिपाही की मौत हो गई थी। उस घटना में 125 किशोरों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए थे।
उसके बाद एक और संगीन वारदात को पिछले महीने 9 जनवरी को अंजाम दिया गया, जब मेरठ की अदालत से सुधार गृह लौट रही पुलिस वैन पर हमला कर चार किशोरों को आजाद करा लिया गया था।
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