पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा (Tripura) में अत्यधिक संक्रामक कोरोनावायरस (Coronavirus) के डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus Variant) के 90 फीसदी मामले सामने आए हैं. राज्य के अधिकारियों ने कहा कि नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग के माध्यम से डेल्टा प्रकार के कोरोनावायरस के इन मामलों का पता चला है. यह पूर्वोत्तर में COVID-19 के सबसे घातक और अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वैरिएंट का पहला मामला है.
अधिकारियों ने कहा कि 151 नमूने पश्चिम बंगाल की एक सरकारी प्रयोगशाला में भेजे गए थे. इनमें से 138 में डेल्टा वैरिएंट पॉजिटिव पाए गए. स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा, "कुछ नमूनों में डेल्टा और अल्फा वैरिएंट भी पॉजिटिव पाए गए हैं."
इस बीच, त्रिपुरा में शनिवार दोपहर 12 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक विभिन्न प्रतिबंधों के साथ 24 घंटे का सप्ताहांत कर्फ्यू लगाया है, ताकि संक्रमण के चेन को रोका जा सके.
फिलहाल राजधानी अगरतला सहित शहरी इलाकों में दोपहर 2 बजे से अगली सुबह तक कर्फ्यू लगा हुआ है, जहां करीब 10 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट हैं. त्रिपुरा में COVID-19 के 56,169 मामले हैं. राज्य में अब तक वायरस से कम से कम 574 लोगों की मौत हो चुकी है. फिलहाल राज्य में 5,152 सक्रिय मामले हैं.
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स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, राज्य में दूसरी लहर में 50-60 प्रतिशत कोविड रोगी कोरोनावायरस या डेल्टा वैरिएंट के डबल म्यूटेंट वैरिएंट से संक्रमित हैं.
अगरतला गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (AGMC) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ तपन मजूमदार ने समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा, "कुछ अन्य राज्यों की तरह त्रिपुरा में भी डेल्टा स्ट्रेन का संक्रमण लगभग 50 से 60 प्रतिशत से अधिक है. डबल म्यूटेंट वैरिएंट युवाओं, यहां तक कि बच्चों को भी संक्रमित कर रहा है. यह चिंता का विषय है."
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में 80 प्रतिशत नए संक्रमण के मामले 90 जिलों से सामने आए हैं, जिनमें से 14 पूर्वोत्तर राज्यों में हैं.
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