दिल्ली के कंझावला इलाके में 1 जनवरी को 20 साल की लड़की के हिट एंड रन केस में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. बताया जाता है कि आरोपियों ने स्कूटी सवार लड़की को पहले टक्कर मारी और फिर 2-3 बार कार आगे पीछे कर लड़की को कुचला. इस बात के भी संकेत हैं कि कार में सवार युवकों को पता था कि लड़की कार के नीचे फंसी हुई है, लेकिन इसके बाद भी वो गाड़ी दौड़ाते रहे. सूत्रों ने एनडीटीवी को यह भी बताया कि 9 पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) वैन ने कार का पीछा किया, लेकिन उसे पकड़ने में नाकाम रहे.
न्यू ईयर पार्टी करने के बाद अपनी दोस्त निधि के साथ स्कूटी से घर लौट रही अंजलि सिंह को रात करीब 2 बजे कार ने टक्कर मारी थी. इसके बाद उसका पैर कार के एक्सेल में फंस गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, लड़की खुद को बचाने की कोशिश करती रही, चीखती-चिल्लाती रही, लेकिन कार में बैठे युवक उसे 13 किमी तक घसीटते ले गए. आरोपियों को लग गया था कि कार में कुछ अटका हुआ है. उन्होंने बाहर देखा तो लड़की का हाथ दिखाई दिया, लेकिन रास्ते में खड़ी एक पीसीआर वैन को देखकर फिर से युवती को घसीटने लगे.
लड़की के शव को गिराने के लिए कार से 4 बार से ज्यादा यू-टर्न मारा. इस दर्दनाक घटना के दौरान कार चार थाना इलाकों सुल्तानपुरी, अमन विहार, प्रेम नगर व कंझावला थाना इलाके से गुजरी थी. अंजलि की दोस्त निधि एक्सीडेंट के वक्त अंजलि के साथ स्कूटी पर थी, लेकिन दोस्त की ये हालत देखक वह बिना किसी को बताए अपने घर भाग गई. निधि तब तक सामने नहीं आई, जब तक कि पुलिस ने सीसीटीवी के जरिए उसे ढूंढ न निकाला.
सूत्रों का कहना है कि हादसे के 13 किलोमीटर के रूट पर 5 पीसीआर वैन तैनात थी. 5-6 पीसीआर कॉल हुईं. चश्मदीद दीपक से 20 से ज्यादा बार पुलिस अफसरों ने बात की. उसके बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए कुल 9 पीसीआर वैन को लगाया गया था और लोकल पुलिस भी आरोपियों को खोज रही थी, लेकिन फिर भी मौके से आरोपियों को दिल्ली पुलिस नहीं पकड़ पाई.
पहली पीसीआर कॉल रात 2:18 बजे मिली, जिसमें एक शख्स ने दुर्घटना के बारे में बताया. दूसरी पीसीआर कॉल 2 :20 पर मिली ये भी दुर्घटना के बारे में थी. इसके बाद 2 पीसीआर कॉल 3:24 बजे के आसपास दीपक ने की, उसने बताया कि कार में किसी का शव लटका है.
फिर 4:26 बजे और 4:27 बजे साहिल नाम के शख्स ने 2 पीसीआर कॉल कर बताया कि सड़क पर एक महिला का शव पड़ा हुआ है. उस रास्ते पर कुल 5 पीसीआर वैन थीं, लेकिन सीरियस कॉल को देखते हुए कुल 9 पीसीआर वैन को लगाया गया, लेकिन कोई भी पीसीआर कार को नहीं खोज पाई, क्योंकि दावा किया जा रहा है कि रात में धुंध थी और पीसीआर के पहुंचने के पहले कार निकल गई, जबकि पीसीआर का रिस्पॉन्स टाइम ठीक था. दिल्ली पुलिस कमिश्नर को इस बारे में रिपोर्ट सौंपी गई है.
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