11 सितंबर 2001 को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के दौरान की तस्वीर.(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
11 सितंबर 2001 की सुबह. अमेरिका में हर दिनों की तरह यह सुबह भी सामान्य थी. नौकरीपेशा लोग दफ्तरों के लिए निकल चुके थे. दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में शुमार वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर में भी करीब 18 हजार कर्मचारी रोजमर्रा का काम निपटाने में जुटे थे. मगर आठ बजकर 46 मिनट पर कुछ ऐसा हुआ कि अब तक सामान्य सी मालुम पड़ रही यह सुबह भयावह हो उठी. मंजर देख लोग कांप उठे. उस दिन जो हुआ, उसे किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि सुपरपॉवर अमेरिका को भी आतंकी चुनौती देने की हिमाकत करेंगे. मगर आतंकियों ने दुस्साहस की हद पार कर दी. उस दिन 19 आतंकियों ने चार विमान हाईजैक किए और फिर वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर से दो विमानों को भिड़ा दिया. पहला विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टावर से टकराया. पहले लोगों को लगा कि यह हादसा है, मगर कुछ ही देर बाद... 9 बजकर 3 मिनट पर एक और विमान दक्षिणी टावर से टकराया. इस दौरान हुए विस्फोट से टॉवर आग के गोले में बदल गया. तब जाकर लोगों को अहसास हुआ कि यह हादसा नहीं बल्कि बड़ा आतंकी हमला है. टॉवर में काम कर रहे कर्मियों में चीख-पुकार मच गई. आसपास के लोग बदहवास होकर जान बचाने के लिए दौड़ पड़े.
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हमले का सिलसिला यहीं नहीं थमा. दोनों टावरों पर हमले के बाद 9 बजकर 47 मिनट पर वाशिंगटन के रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन पर हमले की खबर सामने आई. प्लेन टकराने से पेंटागन का भी एक हिस्सा ढह गया. चौथा विमान कुछ समय बाद पीटसबर्ग हवाई अड्डे के समीप एक और विमान गिरने की खबर मिली.इस हमले में करीब तीन हजार लोग असमय काल के गाल में समा गए.
जिस शानदार टॉवर पर अमेरिका शान से इतराता था, एक घंटे के भीतर वह खाक हो गया. इन विमानों में सवार यात्रियों समेत करीब 3000 लोगों की मौत हुई थी.रिपोर्ट्स के मुताबिक हताहतों में अमेरिका सहित इसमें 90 देशों के लोग शामिल थे. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस हमले का निशाना व्हाइट हाउस था.लादेन का निकला हाथःइस हमले के पीछे ओसामा बिन लादेन का हाथ माना जाता है, जिसे सालों तक खोजने के बाद अमेरिका ने मई 2011 में पाकिस्तान के ऐबटाबाद में मार गिराया था.
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चार प्लेन किए थे हाईजैक
इस हमले को अंजाम देने के लिए करीब 19 आतंकवादियों ने चार प्लेन को हाईजैक किए गए थे. दो हवाई जहाजों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर और एक पेंटागन पर गिराया गया था, जबकि चौथा शेंकविले के खेत गिरा दिया गया. किसी भी उड़ान से कोई जीवित नहीं बचा था.
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हमले के वक्त स्कूल में थे जॉर्ज बुश
अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने इस घटना को अमेरिकी इतिहास का सबसे काला दिन करार दिया था, जिस समय जॉर्ज बुश को हमले की सूचना मिली वह एक स्कूल के कार्यक्रम में मौजूद थे. उन्होंने कहा था कि इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा. इस हमले की दर्दनाक और भयानक तस्वीरें काफी दिनों तक अखबारों और टीवी आती रहीं.वर्ल्ड ट्रेड सेंटर न्यूयार्क के मैनहैटन में बने दो टावर रूपी इमारतों का जोड़ा था. इसके एक टावर का निर्माण 1966 में शुरू हुआ था जो 1972 में पूर्ण हुआ. दूसरे टावर को बनाने का काम 1966 में शुरू होकर 1973 में समाप्त हुआ था.
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चार प्लेन किए थे हाईजैक
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