अशोक सिंघल का एक फाइल फोटो।
लखनऊ/इलाहाबाद:
उत्तर प्रदेश में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की प्रस्तावित 84 कोसी परिक्रमा को लेकर विहिप और राज्य सरकार के बीच टकराव की स्थिति बनती जा रही है। प्रशासन ने शुक्रवार को अचानक ही इलाहाबाद स्थित अशोक सिंघल के आवास की घेराबंदी कर दी। सरकारी सूत्रों के मुताबिक सिंघल को नजरबंद कर दिया गया है, लेकिन विहिप आधिकारिक तौर पर इस बात से इनकार कर रही है।
विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक अशोक सिंघल के आवास, महावीर भवन को प्रशासन ने अचानक सुबह करीब 10 बजे घेरे में ले लिया। सिंघल के आवास के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। सूत्रों ने बताया है कि सिंघल को उनके घर में नजरबंद कर दिया गया है।
विहिप हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर सिंघल को नजरबंद किए जाने की बात स्वीकार नहीं कर रही है लेकिन विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रकाश शर्मा ने बताया है कि कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उनके आवास पर उनसे मिलने जरूर पहुंचे थे। प्रवक्ता ने बताया कि सिंघल अपने छोटे भाई के निधन के बाद उनकी अस्थियां विसर्जित करने इलाहाबाद गए थे। आज उन्हें दिल्ली लौटना था।
शर्मा ने बताया, "सुबह से ही स्थानीय मीडिया द्वारा यह भ्रम फैलाया जा रहा था कि सिंघल अयोध्या के लिए रवाना हो सकते हैं। इसी समाचार को देखते हुए जिलाधिकारी सहित कुछ वरिष्ठ अधिकारी उनसे मिलने पहुंचे थे।" उन्होंने बताया कि वरिष्ठ अधिकारी उनके जवाब से संतुष्ट होने के बाद वापस चले गए। लेकिन स्थानीय प्रशासन की तरफ से की गई घेराबंदी अलग ही कहानी बयान कर रही है। अधिकारियों के अनुसार, सिंघल को साफतौर पर बता दिया गया है कि या तो वह दिल्ली चले जाएं या फिर वह इस आवास से बाहर नहीं निकल पाएंगे।
उल्लेखनीय है कि विहिप ने 25 अगस्त से 13 सितम्बर तक 84 कोसी परिक्रमा करने की घोषणा की है, लेकिन राज्य सरकार ने इस यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद से ही टकराव की स्थिति पैदा हो गई है।
विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक अशोक सिंघल के आवास, महावीर भवन को प्रशासन ने अचानक सुबह करीब 10 बजे घेरे में ले लिया। सिंघल के आवास के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। सूत्रों ने बताया है कि सिंघल को उनके घर में नजरबंद कर दिया गया है।
विहिप हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर सिंघल को नजरबंद किए जाने की बात स्वीकार नहीं कर रही है लेकिन विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रकाश शर्मा ने बताया है कि कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उनके आवास पर उनसे मिलने जरूर पहुंचे थे। प्रवक्ता ने बताया कि सिंघल अपने छोटे भाई के निधन के बाद उनकी अस्थियां विसर्जित करने इलाहाबाद गए थे। आज उन्हें दिल्ली लौटना था।
शर्मा ने बताया, "सुबह से ही स्थानीय मीडिया द्वारा यह भ्रम फैलाया जा रहा था कि सिंघल अयोध्या के लिए रवाना हो सकते हैं। इसी समाचार को देखते हुए जिलाधिकारी सहित कुछ वरिष्ठ अधिकारी उनसे मिलने पहुंचे थे।" उन्होंने बताया कि वरिष्ठ अधिकारी उनके जवाब से संतुष्ट होने के बाद वापस चले गए। लेकिन स्थानीय प्रशासन की तरफ से की गई घेराबंदी अलग ही कहानी बयान कर रही है। अधिकारियों के अनुसार, सिंघल को साफतौर पर बता दिया गया है कि या तो वह दिल्ली चले जाएं या फिर वह इस आवास से बाहर नहीं निकल पाएंगे।
उल्लेखनीय है कि विहिप ने 25 अगस्त से 13 सितम्बर तक 84 कोसी परिक्रमा करने की घोषणा की है, लेकिन राज्य सरकार ने इस यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद से ही टकराव की स्थिति पैदा हो गई है।
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