कोलकाता:
पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स की जगह गलती से हेपेटाइटिस-बी के टीके की दवा पिला देने से बीमार हुए कम से कम 114 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस गड़बड़ी के लिए छह लोगों को निलंबित कर दिया गया। घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने स्वास्थ्य कर्मियों को बंधक बनाकर विरोध प्रदर्शन किया।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि कल पल्स पोलिया दिवस के मौके पर माता-पिता अपने बच्चों को आरामबाग उपखंड के तहत आने वाले खातुल गांव में पोलियो बूथ पर लेकर गए।
सूत्रों ने कहा कि एक अभिभावक ने गौर किया कि खातुल गांव में पोलियो बूथ पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता पोलियो ड्रॉप की जगह हेपेटाइटिस-बी के टीके की दवा पिला रहे थे। अभिभावक ने इस बात की सूचना तुरंत स्वास्थ्य कर्मियों और गांव वालों को दी।
तब तक 114 बच्चों को हेपेटाइटिस-बी टीके की दवा पिलाई जा चुकी थी।
गुस्साए गांववालों ने स्वास्थ्यकर्मियों और उन्हें शांत कराने आए स्थानीय ब्लॉक विकास अधिकारी और आरामबाग के उपखंडीय अधिकारी को बंधक बना लिया।
पोलियो ड्रॉप्स की जगह जिन 114 बच्चों को हेपेटाइटिस बी के टीके की दवा पिलाई गई थी, उन सभी बच्चों को आरामबाग उपखंडीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आरामबाग उपखंडीय अस्पताल के अधीक्षक निर्मल्या रे ने कहा कि हेपेटाइटिस-बी का टीका बच्चों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
हेपेटाइटिस-बी की दवा जहां टीके के जरिए शरीर में पहुंचाई जाती वहीं पोलियो ड्रॉप्स मुख से पिलाई जाती हैं।
रे ने यह भी कहा कि अधिकतर बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। उन्हें इसलिए भर्ती किया गया था ताकि उन्हें निगरानी में रखा जा सके।
हुगली के जिला मजिस्ट्रेट मनमीत नंदा ने कहा कि इस संदर्भ में छह लोगों को निलंबित कर दिया गया है। इन लोगों में से पांच स्वास्थ्य कर्मी हैं और एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है।
(इनपुट भाषा से भी)
इस गड़बड़ी के लिए छह लोगों को निलंबित कर दिया गया। घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने स्वास्थ्य कर्मियों को बंधक बनाकर विरोध प्रदर्शन किया।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि कल पल्स पोलिया दिवस के मौके पर माता-पिता अपने बच्चों को आरामबाग उपखंड के तहत आने वाले खातुल गांव में पोलियो बूथ पर लेकर गए।
सूत्रों ने कहा कि एक अभिभावक ने गौर किया कि खातुल गांव में पोलियो बूथ पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता पोलियो ड्रॉप की जगह हेपेटाइटिस-बी के टीके की दवा पिला रहे थे। अभिभावक ने इस बात की सूचना तुरंत स्वास्थ्य कर्मियों और गांव वालों को दी।
तब तक 114 बच्चों को हेपेटाइटिस-बी टीके की दवा पिलाई जा चुकी थी।
गुस्साए गांववालों ने स्वास्थ्यकर्मियों और उन्हें शांत कराने आए स्थानीय ब्लॉक विकास अधिकारी और आरामबाग के उपखंडीय अधिकारी को बंधक बना लिया।
पोलियो ड्रॉप्स की जगह जिन 114 बच्चों को हेपेटाइटिस बी के टीके की दवा पिलाई गई थी, उन सभी बच्चों को आरामबाग उपखंडीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आरामबाग उपखंडीय अस्पताल के अधीक्षक निर्मल्या रे ने कहा कि हेपेटाइटिस-बी का टीका बच्चों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
हेपेटाइटिस-बी की दवा जहां टीके के जरिए शरीर में पहुंचाई जाती वहीं पोलियो ड्रॉप्स मुख से पिलाई जाती हैं।
रे ने यह भी कहा कि अधिकतर बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। उन्हें इसलिए भर्ती किया गया था ताकि उन्हें निगरानी में रखा जा सके।
हुगली के जिला मजिस्ट्रेट मनमीत नंदा ने कहा कि इस संदर्भ में छह लोगों को निलंबित कर दिया गया है। इन लोगों में से पांच स्वास्थ्य कर्मी हैं और एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है।
(इनपुट भाषा से भी)
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