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This Article is From Feb 11, 2023

त्रिपुरा में 5 साल पहले कड़े प्रतिद्वंद्वी थे कांग्रेस और लेफ्ट, इस बार एक साथ कर रहे हैं चुनाव प्रचार

त्रिपुरा में इस बार प्रतिद्वंद्वी लेफ्ट और कांग्रेस ने हाथ मिला लिया है. जहां कुल 60 सीटों में से लेफ्ट 47 सीटों पर और कांग्रेस 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

त्रिपुरा में 5 साल पहले कड़े प्रतिद्वंद्वी थे कांग्रेस और लेफ्ट, इस बार एक साथ कर रहे हैं चुनाव प्रचार
त्रिपुरा में 16 फरवरी को चुनाव
अगरतला:

56 वर्षीय सुदीप रॉय बर्मन त्रिपुरा के एक अनुभवी राजनीतिज्ञ माने जाते हैं. राजनीति की दुनिया में उनका रसूख कुछ ऐसा है कि वो 1998 के बाद से प्रमुख अगरतला निर्वाचन क्षेत्र से कभी नहीं हारे हैं. इस महीने होने वाले पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में भी वे कांग्रेस के एकमात्र विधायक हैं. लेकिन साल 2018 में, वह भाजपा में शामिल हो गए और मंत्री बने. तब तक सब ठीक-ठाक चलता रहा कि जब तक कि उनका पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब से मतभेद नहीं हो गया.

अब, बर्मन कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में वापस आ गए हैं. बर्मन के लिए चुनाव अभियान कोई नई बात नहीं है. लेकिन इस बार जैसे ही उनका रोड शो आगे बढ़ा तो वाममोर्चा के समर्थकों ने उनका साथ दिया. इस चुनाव तक, उन्होंने हमेशा उनके खिलाफ प्रचार किया है. जमीन पर, राजनीतिक कार्यकर्ता और समर्थक, जो पांच साल पहले एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते थे, अब वो मिलकर अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं.

त्रिपुरा में इस बार प्रतिद्वंद्वी लेफ्ट और कांग्रेस ने हाथ मिला लिया है. जहां कुल 60 सीटों में से लेफ्ट 47 सीटों पर और कांग्रेस 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पश्चिम बंगाल में जब लेफ्ट और कांग्रेस गठबंधन में लड़े तो नतीजे अच्छे नहीं रहे. लेकिन उन्होंने एक स्थिर गठबंधन बनाने में कामयाबी हासिल की और 2021 में बंगाल चुनाव एक साथ लड़ा. हालांकि त्रिपुरा की स्थिति थोड़ी अलग है. त्रिपुरा में वामपंथियों और कांग्रेस के बीच राजनीतिक हिंसा का इतिहास रहा है और दोनों इस भाजपा शासित राज्यों में पहली बार गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं.

बंगाल में भी यह इतना आसान नहीं था. धरातल पर कोई संयुक्त अभियान नजर नहीं आया. CPI(M) महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, "हमने यह सीट बंटवारा किया है क्योंकि लोग इसे चाहते थे और हम कमजोर नहीं हैं. हम लोगों की इच्छाओं का जवाब देते हैं. बंगाल असफल नहीं था हमने भाजपा को रोका."बीजेपी ने पलटवार किया. पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने कहा, "CPI(M) इतनी कमजोर है कि वह कांग्रेस का समर्थन ले रही है. वामपंथी सभी सीटों पर नहीं लड़ सकते और कांग्रेस केवल 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है."

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