रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने राज्यसभा में बताया है कि पिछले साल 10 सितंबर को पांच राफेल विमानों को वायुसेना में शामिल (Rafael Induction Air Force) करने के समारोह पर करीब 41 लाख रुपये खर्च किए गए थे. इसमें 9.18 लाख रुपये का जीएसटी शामिल है. यह समारोह लिए अंबाला वायुसेना स्टेशन पर आय़ोजित हुआ था.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि पहले पांच राफेल विमानों को 10 सितंबर को वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया. ऐसे आयोजन अक्सर वायु सेना के स्थानीय संसाधनों के जरिये आयोजित किए जाते हैं। इस आयोजन में 9.18 लाख रुपये के जीएसटी सहित 41.32 लाख रुपये खर्च हुए. राजनाथ सिंह ने कहा कि विमानों के सभी नए संस्करण समुचित समारोह के जरिये वायु सेना में शामिल करने की परंपरा रही है.
राफेल को वायु सेना में शामिल करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पारले, राफेल निर्माता कंपनी एवं फ्रांसीसी एयरोस्पेस की कंपनी दसाल्ट एविएशन के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए थे.राफेल विमानों की पहली खेप 29 जुलाई को भारत पहुंची थी. लगभग छह सप्ताह बाद राफेल विमानों को वायु सेना में सम्मिलित किया गया था. करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल विमान खरीदने के लिए एक करार किया था.
दूसरी खेप में तीन नवंबर को तीन और तीसरी खेप में 27 जनवरी को तीन अन्य राफेल विमान भारत आए. रूस से सुखोई जेट विमानों की खरीद के 23 साल बाद राफेल के रूप में भारत ने लड़ाकू विमानों का बड़ा सौदा किया ता. इन लड़ाकू विमानों की पहली स्क्वाड्रन अंबाला वायु सेना स्टेशन में तैनात है. दूसरी स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हासिमारा वायु सेना स्टेशन पर तैनात होगी.
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