भोपाल:
मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले में सीबीआई आज से अपनी जांच शुरू करने जा रही है। एजेंसी ने इस बहुचर्चित घोटाले और संदिग्ध मौतों की जांच के लिए 40 लोगों की टीम बनाई है, जो भोपाल पहुंचकर इंवेस्टिगेशन का जिम्मा एसटीएफ़ से लेगी। मेघालय कैडर के आईपीएस अधिकारी आर पी अग्रवाल व्यापमं मामले की जांच के प्रमुख होंगे। इससे पहले अग्रवाल ने राजस्थान के चर्चित भंवरी देवी मामले की कमान भी संभाली थी।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी आज भोपाल पहुंचे हैं। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह राज्य में 'डैमेज कंट्रोल' की कवायद के लिए पहुंचे हैं, जहां शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में उनकी पार्टी की सरकार है। हालांकि बीजेपी ने कहा है कि अमित शाह का यह 'नियमित दौरा' है और वह पार्टी के सदस्यता अभियान की समीक्षा के बाद शाम को दिल्ली लौट आएंगे।
चौहान ने सुबह एयरपोर्ट पर अमित शाह का स्वागत किया। चौहान ने पिछले दिनों साफ किया था कि अमित शाह का दौरा व्यापमं मामले पर चर्चा करने के लिए नहीं हो रहा है। इस घोटाले ने शिवराज सिंह की सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
इस घोटाले में कई आरोपियों की मौत के बाद और कांग्रेस के द्वारा पर लगाए गए आरोपों के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई से जांच कराने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एचएल दत्तू ने 9 जुलाई को व्यापमं घोटाले से जुड़े सभी मामलों की जांच सीबीआई को सौंप दी थी और कहा था कि वह 24 जुलाई से पहले अपनी शुरुआती जांच रिपोर्ट सौंप दे।
इसके साथ ही कोर्ट ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव को पद से हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्यपाल, केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस देकर चार हफ्ते में जवाब मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच पर फैसला करने के बजाय पल्ला झाड़ (मामले से) लिया और गेंद हमारे पाले में डाल दी।
क्या है व्यापमं
-व्यापमं यानी मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल
-1982 में व्यापमं की स्थापना
-मेडिकल, इंजीनियरिंग, कृषि, मैनेजमेंट में दाखिले के लिए गठन
-2008 में व्यापमं का दायरा बढ़ाया गया
-एडमिशन के साथ-साथ अब नौकरियों के लिए भी परीक्षा
-शिक्षक, कांस्टेबल, सब-इंस्पेक्टर की बहाली के लिए परीक्षा
-फ़ूड इंस्पेक्टर, एक्साइज़ इंस्पेक्टर, वन और जेल गार्ड की बहाली
-2007 से 2013 के बीच एडमिशन-नौकरियों में बड़े पैमाने पर घोटाला
-घोटाले से 76 लाख लोगों पर असर
कैसे सामने आया घोटाला
-5 जुलाई 2009 को पहली बार सामने आया घोटाला
-इंदौर में मेडिकल परीक्षा का पेपर लीक होने की शिकायत दर्ज
-17 दिसंबर 2009 को सरकार ने जांच के लिए कमेटी बनाई
-2009 के बाद भी सुनियोजित ढंग से घोटाला जारी रहा
-2010, 2011, 2012, 2013 में भी घोटाला
-शिवराज चौहान पर घोटाले की अनदेखी का आरोप
-अब तक 140 से ज़्यादा FIR दर्ज हो चुकी हैं
-करीब 3800 आरोपी हैं, जिनमें से 800 फ़रार हैं
कैसे-कैसे आरोपी
-तत्कालीन शिक्षा मंत्री, उनके सहयोगी
-परीक्षा मंडल के अधिकारी
-बिचौलिये
-कॉपी कराने वाले
-फर्जी नाम से परीक्षा में बैठने वाले
-अभिभावक और छात्र
कैसे हुआ घोटाला
-नेताओं के कहने पर बड़े पैमाने पर धांधली
-पैसे लेकर सरकारी नौकरी की परीक्षा पास कराईं
-मेडिकल, डेंटल और दूसरी परीक्षाओं में नंबर बदलवाए
-नकल रैकेट को बढ़ावा और फर्जीवाड़ा किया
-कई फर्जी लोग परीक्षा देने बैठे
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी आज भोपाल पहुंचे हैं। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह राज्य में 'डैमेज कंट्रोल' की कवायद के लिए पहुंचे हैं, जहां शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में उनकी पार्टी की सरकार है। हालांकि बीजेपी ने कहा है कि अमित शाह का यह 'नियमित दौरा' है और वह पार्टी के सदस्यता अभियान की समीक्षा के बाद शाम को दिल्ली लौट आएंगे।
चौहान ने सुबह एयरपोर्ट पर अमित शाह का स्वागत किया। चौहान ने पिछले दिनों साफ किया था कि अमित शाह का दौरा व्यापमं मामले पर चर्चा करने के लिए नहीं हो रहा है। इस घोटाले ने शिवराज सिंह की सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
इस घोटाले में कई आरोपियों की मौत के बाद और कांग्रेस के द्वारा पर लगाए गए आरोपों के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई से जांच कराने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एचएल दत्तू ने 9 जुलाई को व्यापमं घोटाले से जुड़े सभी मामलों की जांच सीबीआई को सौंप दी थी और कहा था कि वह 24 जुलाई से पहले अपनी शुरुआती जांच रिपोर्ट सौंप दे।
इसके साथ ही कोर्ट ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव को पद से हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्यपाल, केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस देकर चार हफ्ते में जवाब मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच पर फैसला करने के बजाय पल्ला झाड़ (मामले से) लिया और गेंद हमारे पाले में डाल दी।
क्या है व्यापमं
-व्यापमं यानी मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल
-1982 में व्यापमं की स्थापना
-मेडिकल, इंजीनियरिंग, कृषि, मैनेजमेंट में दाखिले के लिए गठन
-2008 में व्यापमं का दायरा बढ़ाया गया
-एडमिशन के साथ-साथ अब नौकरियों के लिए भी परीक्षा
-शिक्षक, कांस्टेबल, सब-इंस्पेक्टर की बहाली के लिए परीक्षा
-फ़ूड इंस्पेक्टर, एक्साइज़ इंस्पेक्टर, वन और जेल गार्ड की बहाली
-2007 से 2013 के बीच एडमिशन-नौकरियों में बड़े पैमाने पर घोटाला
-घोटाले से 76 लाख लोगों पर असर
कैसे सामने आया घोटाला
-5 जुलाई 2009 को पहली बार सामने आया घोटाला
-इंदौर में मेडिकल परीक्षा का पेपर लीक होने की शिकायत दर्ज
-17 दिसंबर 2009 को सरकार ने जांच के लिए कमेटी बनाई
-2009 के बाद भी सुनियोजित ढंग से घोटाला जारी रहा
-2010, 2011, 2012, 2013 में भी घोटाला
-शिवराज चौहान पर घोटाले की अनदेखी का आरोप
-अब तक 140 से ज़्यादा FIR दर्ज हो चुकी हैं
-करीब 3800 आरोपी हैं, जिनमें से 800 फ़रार हैं
कैसे-कैसे आरोपी
-तत्कालीन शिक्षा मंत्री, उनके सहयोगी
-परीक्षा मंडल के अधिकारी
-बिचौलिये
-कॉपी कराने वाले
-फर्जी नाम से परीक्षा में बैठने वाले
-अभिभावक और छात्र
कैसे हुआ घोटाला
-नेताओं के कहने पर बड़े पैमाने पर धांधली
-पैसे लेकर सरकारी नौकरी की परीक्षा पास कराईं
-मेडिकल, डेंटल और दूसरी परीक्षाओं में नंबर बदलवाए
-नकल रैकेट को बढ़ावा और फर्जीवाड़ा किया
-कई फर्जी लोग परीक्षा देने बैठे
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