
- अहमदाबाद विमान दुर्घटना के 4 दिन बाद एयर इंडिया के 112 पायलटों ने एक ही साथ मेडिकल अवकाश लिया था.
- मुरलीधर मोहोल ने संसद में बताया कि 51 कमांडरों और 61 फ्लाइट ऑफिसर्स ने छुट्टी के लिए आवेदन किया था.
- वर्ष 2022 से 2025 तक देश में कुल 881 फर्जी बम धमकियां एयरलाइनों को मिली हैं, जिनमें कर्नाटक में 94 शामिल हैं.
अहमदाबाद में बोइंग 787-ड्रीमलाइनर के दुर्घटनाग्रस्त होने के चार दिन बाद एयर इंडिया के 100 से ज्यादा पायलट मेडिकल लीव पर चले गए. केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद में बताया कि पिछले महीने अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना के बाद एयर इंडिया की उड़ानों के पायलटों के चिकित्सा अवकाश लिए जाने में बढ़ोतरी देखी गई. अकेले 16 जून को ही 112 पायलटों ने यह अवकाश लिया था. अहमदाबाद में 12 जून को एयर इंडिया का विमान एयरपोर्ट की सीमा से करीब दो किमी दूर एक छात्रावास की इमारत से टकरा गया था, जिसमें 274 लोगों की मौत हो गई थी.
केंद्रीय नागरिक विमानन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने लोकसभा में सांसद गोविंद मकथप्पा करजोल द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में कहा कि उस दिन 51 कमांडरों और 61 फ्लाइट ऑफिसर्स ने छुट्टी के लिए आवेदन किया था. निचले सदन के एक सदस्य ने यह जानना चाहा था कि क्या एयर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद बड़े पैमाने पर चालक दल के सदस्यों द्वारा अस्वस्थ होने की सूचना दी जा रही थी.
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर दी थी सलाह
नागर विमानन राज्य मंत्री ने मानसिक स्वास्थ्य को पहचानने और उसका उचित प्रबंध करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि फरवरी 2023 में जारी नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के ‘मेडिकल सर्कुलर' में एयरलाइनों को चालक दल/एटीसीओ (हवाई यातायात नियंत्रकों) के लिए मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के प्रतिकूल प्रभावों का पता लगाने के लिए एक अलग प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने की सलाह दी गई थी.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा, मानसिक स्वास्थ्य निगरानी के संबंध में, संगठनों (अनुसूचित और गैर-अनुसूचित ऑपरेटरों, उड़ान प्रशिक्षण संगठनों और भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण) को अपने कर्मचारियों के लिए एक सहायता कार्यक्रम शुरू करने की भी सलाह दी गई.
डीजीसीए द्वारा एयर इंडिया को नोटिस
इस बीच, एयर इंडिया ने बुधवार को नागरिक उड्डयन महानिदेशक से चालक दल की थकान और प्रशिक्षण के प्रबंधन से संबंधित सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के लिए चार कारण बताओ नोटिस प्राप्त होने की पुष्टि की. यह नोटिस पिछले 12 महीनों में एयरलाइन द्वारा स्वैच्छिक खुलासे के बाद जारी किए गए हैं और केबिन क्रू के लिए आराम अवधि सुनिश्चित करने, प्रशिक्षण मानदंडों और परिचालन प्रक्रियाओं के उल्लंघन से संबंधित हैं.
आज दोपहर एयरलाइन के एक प्रवक्ता ने कहा, "हमें इन नोटिसों के मिलने की सूचना है... जो पिछले एक साल में किए गए कुछ स्वैच्छिक खुलासों से संबंधित हैं. हम इन नोटिसों का जवाब देंगे..."
साथ ही कहा कि एयर इंडिया अपने चालक दल और यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.
घरेलू विमानन कंपनी को पिछले छह महीनों में कई सुरक्षा उल्लंघनों और घटनाओं के लिए 13 नोटिस मिले हैं, जैसे मंगलवार को हांगकांग से दिल्ली आ रहे एयरबस A321 के सहायक पावर यूनिट में आग लगना. विमान उतरने के बाद आग लग गई थी. हालांकि आग पर समय रहते काबू पा लिया गया और कोई हताहत नहीं हुआ.
चौबीस घंटे पहले दो और घटनाएं हुईं . इनमें से एक में कोच्चि-मुंबई उड़ान का इंजन कवर क्षतिग्रस्त हो गया और दिल्ली-कोलकाता उड़ान ने आखिरी समय में उड़ान रद्द कर दी गई.
आज सुबह भी ऐसी ही एक घटना सामने आई है, जिसमें विमान की गति दर्शाने वाली स्क्रीन में समस्या के बाद दिल्ली-मुंबई एयर इंडिया एक्सप्रेस के एक विमान ने उड़ान रद्द कर दी.
2022 से अब 20 जुलाई 2025 तक 881 फर्जी धमकी
मुरलीधर मोहोल ने कहा कि देश की हवाई सुरक्षा एजेंसी BCAS के अनुसार, साल 2022 से 20 जुलाई 2025 तक देशभर में कुल 881 फर्जी बम धमकी संदेश एयरलाइनों को मिले.
- 2022: 13 धमकियां
- 2023: 71 धमकियां
- 2024: 728 धमकियां (सबसे ज्यादा)
- 2025 (20 जुलाई तक): 69 धमकियां मिली हैं
कर्नाटक में 2021 से 20 जुलाई 2025 तक 94 फर्जी बम धमकियां एयरलाइनों को मिलीं हैं. हालांकि इन मामलों में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी ने ऐसी धमकियों से निपटने के लिए सख्त नियम और प्रक्रिया तय की है, जो पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर लागू की जाती हैं.
एयर इंडिया का बोइंग 787-ड्रीमलाइनर विमान 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई. विमान में सवार 242 लोगों में केवल एक व्यक्ति ही जीवित बचा. वहीं, विमान के इमारत से टकराने पर, दुर्घटनास्थल पर मौजूद 19 लोगों की भी जान चली गई.
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