
पूर्वी अफ्रीकी देश के केन्याई वन्यजीव सेवा ने हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना का खुलासा किया है, जहां चार लोगों को सैकड़ों दुर्लभ चींटियों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इन चींटियों की कीमत इतनी अधिक है कि एक चींटी की कीमत लगभग 18,000 रुपये हो सकती है. यह घटना इसलिए भी आश्चर्यजनक है क्योंकि आमतौर पर वन्यजीव अधिकारियों का ध्यान शेर और हाथी जैसे बड़े जानवरों की सुरक्षा पर केंद्रित रहता है, न कि चींटियों जैसे छोटे जीवों पर.
पकड़े गए तस्करों के पास से विशालकाय अफ्रीकी हार्वेस्टर चींटियां भी बरामद हुई हैं, जिनकी कीमत कुछ ब्रिटिश व्यापारियों के अनुसार प्रति चींटी 170 पाउंड यानी (लगभग 18 हजार रुपये) तक है. अधिकारियों ने जानकारी दी कि तस्करों ने इन चींटियों को विशेष रूप से पैक किया था, जिससे वे लगभग दो महीने तक जीवित रह सकती थीं। तस्करी की जा रही चींटियों की सही संख्या का अभी आकलन किया जा रहा है। KWS के प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया कि इस पैमाने पर ‘जैव-चोरी' का ये देश में पहला मामला है.
इन कीड़ों की तस्करी करते हुए पकड़े गए चार संदिग्धों में दो बेल्जियम के, एक वियतनामी और एक केन्याई नागरिक शामिल था. इनकी गिरफ्तारी एक गुप्त अभियान के दौरान हुई. माना जा रहा है कि इन तस्करों का इरादा इन कीड़ों को यूरोप और एशिया के विदेशी पालतू जानवरों के बाजार में बेचना था.
KWS ने बताया कि दुर्लभ कीट प्रजातियों की मांग तेजी से बढ़ रही है. शौकीन लोग इन्हें स्पेशल घरों में रखते हैं, जिन्हें फॉर्मिकेरियम कहा जाता है, और इन कीड़ों को अपनी कॉलोनियां बनाते हुए देखना पसंद करते हैं. अफ्रीकी हार्वेस्टर चींटी, जिसे मेसोर सेफालोट्स के नाम से भी जाना जाता है, अपनी प्रजाति में सबसे बड़ी चींटी है और लगभग 20 मिलीमीटर तक बढ़ सकती है, जबकि रानी चींटी 25 मिलीमीटर तक लंबी हो सकती है.
कीटों का व्यापार करने वाली वेबसाइट बेस्ट एन्ट्स यूके के जनरल मैनेजर पैट स्टैन्चेव ने कहा कि इन चींटियों का ‘बड़ा और सुंदर आकार' उन्हें उन लोगों के लिए आकर्षक बनाता है जो उन्हें पालतू जानवर के तौर पर रखना चाहते हैं.
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