विज्ञापन

ओडिशा में अब भी रोज हो रहे तीन बाल विवाह, नबरंगपुर जिला स्थिति सबसे खराब

2019 से फरवरी 2025 तक ओडिशा भर में 8,159 बाल विवाह हुए हैं. उनमें से नबरंगपुर में 1,347 मामले सामने आए हैं, जो उस अवधि के दौरान ओडिशा के सभी 30 जिलों में सबसे अधिक है.

ओडिशा में अब भी रोज हो रहे तीन बाल विवाह, नबरंगपुर जिला स्थिति सबसे खराब

प्रशासन द्वारा कई पहल किए जाने के बावजूद ओडिशा में पिछले छह वर्षों के दौरान हर दिन कम से कम तीन बाल विवाह के मामले सामने आए हैं. यह जानकारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार है. इस क्षेत्र में काम करने वाले कार्यकर्ता इस चौंकाने वाले आंकड़े के लिए आदिवासी प्रथा, दहेज, मजदूर परिवारों के पलायन और माता-पिता के इस डर को जिम्मेदार मानते हैं कि बेटियां भाग सकती हैं.

2019 से फरवरी 2025 तक ओडिशा मं 8159 बाल विवाह

आंकड़ों से पता चलता है कि 2019 से फरवरी 2025 तक ओडिशा भर में 8,159 बाल विवाह हुए हैं. उनमें से नबरंगपुर में 1,347 मामले सामने आए हैं, जो उस अवधि के दौरान ओडिशा के सभी 30 जिलों में सबसे अधिक है.

गंजाम, कोरापुट, मयूरभंज सहित इन जिलों में ज्यादा केस

गंजाम जिला 966 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि कोरापुट 636 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है. इसके बाद मयूरभंज (594), रायगढ़ (408), बालासोर (361), क्योंझर (328), कंधमाल (308) और नयागढ़ (308) का स्थान है. इन छह वर्षों में झारसुगुड़ा जिले में ऐसे सबसे कम 57 मामले पाए गए हैं.

सामाजिक कार्यकर्ता नम्रता चड्ढा ने कहा, 'बाल विवाह को रातों-रात पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता. हमें लड़कियों और उनके माता-पिता के लिए ऐसा माहौल और समाज बनाना होगा ताकि वे ऐसे कदम न उठाएं.'

बाल श्रम भी एक बड़ी चुनौती

एक अधिकारी ने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए ओडिशा सरकार हर तीन महीने में पंचायत, ब्लॉक और आंगनवाड़ी स्तर पर जागरूकता अभियान चला रही है. कम उम्र में विवाह के साथ-साथ राज्य बाल श्रम की चुनौती से भी जूझ रहा है. इन्हीं छह वर्षों में प्राधिकारियों ने मजदूरी कर रहे 328 बच्चों को बचाया है.
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com