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This Article is From Apr 02, 2011

नौकरशाहों के साथ मिलकर राजा ने रची साजिश

New Delhi: सीबीआई ने पूर्व दूरसंचार मंत्री को आरोपी करार देते हुए अपने पहले आरोप पत्र में कहा कि ए राजा ने एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सहित शीर्ष नौकरशाहों और कॉरपोरेट जगत के दिग्गजों के साथ साठगांठ कर 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में 30,984 करोड़ के राजस्व का नुकसान पहुंचाया। सीबीआई ने राजा को आठ अन्य तथा तीन टेलीकाम कंपनियों सहित अभियोगी बनाया है। दिल्ली की एक अदालत में पेश किए गए इस आरोप पत्र में आरोप लगाया गया है कि पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के निजी सचिव आरके चंदोलिया और स्वान टेलीकाम के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा तथा संजय चंद्र :यूनीटेक वायरलेस के प्रबंध निदेशक: ने स्वान टेलीकाम तथा यूनीटेक ग्रुप जैसी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए एक साजिश रची। स्टील के सात बक्सों में लाये गये लगभग 80,000 पृष्ठों के आरोप पत्र को इस मामले की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश ओ पी सैनी के समक्ष पेश किया गया। अटार्नी जनरल गुलाम ई वाहनवती और कारपोरेट लाबिस्ट नीरा राडिया 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में सीबीआई के आरोप पत्र के 125 गवाहों में शामिल हैं। यह पहली बार है जब देश के किसी शीषर्स्थ विधि अधिकारी को भ्रष्टाचार के एक मामले में बतौर गवाह पेश होना पड़ रहा है। सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय को आश्वासन दिया था कि 25 अप्रैल को पूरक आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा और इस मामले की जांच 31 मई तक पूरी कर ली जाएगी। इस मामले को लेकर दूसरी बार सत्ता में आयी संप्रग सरकार जबर्दस्त आलोचना के घेरे में है। आरोप पत्र में शामिल अन्य लोगों में मुंबई की डीबी रियलिटी के निदेशक विनोद गोयनका, :यह कंपनी एतिसालात डीबी की प्रमोटर भी थी:, गुड़गांव की रीयल एस्टेट कंपनी यूनीटेक और यूनीटेक वायरलेस :तमिलनाडु: प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चंद्र और गौतम दोषी, हरि नायर तथा सुरेन्द्र पिपरा, समूह प्रबंध निदेशक और मुंबई की रिलायंस टेलीकाम कंपनी के दो वरिष्ठ उपाध्यक्ष शामिल हैं। द्रमुक के 47 वर्षीय नेता पर भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और आधिकारिक पद के दुरूपयोग का आरोप लगाया गया है। राजा पर अधिकारियों और उद्योगपतियों के साथ मिल कर प्रक्रियाओं को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया है। आरोप है कि राजा ने निजी तौर पर उद्योगपतियों को पुनर्निर्धारित तिथि की जानकारी दी और अपात्र आवेदकों को लाइसेंस जारी किये। सीबीआई के आरोप पत्र में कहा गया है कि रिलायंस एडीएजी के लिए मुखौटा कंपनी के तौर पर काम कर रही स्वान टेलीकाम और यूनीटेक वायरलेस :तमिलनाडु: को लाइसेंस हासिल करने की पात्रता तक नहीं थी। सीबीआई ने कहा कि आरोपी कंपनियों स्वान टेलीकाम और यूनीटेक को नये एकीकृत पहुंच सेवा लाइसेंस के लिए आवेदन हासिल करने की अंतिम तारीख को आगे बढ़ाने सहित अपराधों का विस्तार पांच आयामों में था। एजेंसी ने पहले आओ, पहले पाओ, की नीति के संबंध में राजा और दूरसंचार विभाग के अधिकारियों द्वारा फैसला करने की प्रक्रिया में शामिल आपराधिक परिस्थितियों पर भी गौर किया। आरोप पत्र में आगे कहा गया है कि इन लोगों ने टेलीकाम कंपनियों को दोहरी तकनीक की मंजूरी दी और अपात्र कंपनियों को लाइसेंस मंजूर किये तथा राजस्व को नुकसान पहुंचाया।

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