
सरकार ने मंगलवार को बताया कि स्थिर कीमतों (2011 -12) पर सकल घरेलू उत्पाद में कोविड-19 सहित विभिन्न कारकों के कारण वर्ष 2021-21 की प्रथम तिमाही के दौरान 23.9 प्रतिशत की कमी हुई है. लोकसभा में एस जगतरक्षकन, राजीव रंजन सिंह ललन, ए के पी चिनराज, कौशलेंद्र कुमार, के मुरीलधरन के प्रश्न के लिखित उत्तर में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन तथा योजना मामलों के मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा, ‘‘सरकार ने अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिये अनेक उपाए किये हैं.''
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उन्होंने कहा कि इनमें अन्य बातों के साथ साथ नकद अंतरण या उसके बदले में अन्य वस्तु द्वारा परिवारों के लिये सहायता उपाए, मनरेगा कार्यकर्ताओं के लिये वेतन वृद्धि और भवन एवं निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के लिये सहायता शामिल हैं.
मंत्री ने कहा कि इसमें स्व सहायता समूहों के लिये गिरवी मुक्त रिण, ईपीएफ अंशदान में कमी, प्रवासी मजदूरों के लिये रोजगार का प्रावधान, पीएम स्वनिधि के तहत रेहड़ी पटरी वालों के लिये रिण सुविधा, अत्मनिर्भर पैकेज आदि शामिल हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि पर विमुद्रीकरण तथा कोविड-19 के प्रभाव का आकलन किया है, मंत्री ने बताया, ‘‘स्थिर कीमतों (2011 -12) पर सकल घरेलू उत्पाद में कोविड-19 सहित विभिन्न कारकों के कारण वर्ष 2021-21 की प्रथम तिमाही के दौरान 23.9 प्रतिशत की कमी हुई है। यह 2019-20 की प्रथम तिमाही में 5.2 प्रतिशत रही थी.''
राव ने कहा कि वर्ष 2020-21 की प्रथम तिमाही के दौरान खनन और उत्खनन, विनिर्माण , निर्माण, व्यापार, होटल यातायात, संचार एवं प्रसारण संबधित सेवाओं में तेज गिरावट दर्ज की गई. उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 की प्रथम तिमाही के दौरान गिरावट कृषि, वानिकी एवं मत्स्य क्षेत्र के अतिरिक्त लगभग सभी व्यापक क्षेत्रों में वृद्धि दरों में गिरावट के कारण हुई थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं