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This Article is From Dec 20, 2018

मौत होने तक जेल में रहना फांसी से बड़ी सजा: एचएस फुल्का ने 1984 दंगों के पीड़ितों को समझाया

1984 सिख विरोधी दंगे के एक और मामले में आज सज्जन कुमार के खिलाफ सुनवाई हुई. दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगे मामले की सुनवाई 22 जनवरीर तक टाल दी.

मौत होने तक जेल में रहना फांसी से बड़ी सजा: एचएस फुल्का ने 1984 दंगों के पीड़ितों को समझाया
1984 सिख विरोधी दंगा मामले में पीड़ित पक्षों के वकील एचएस फुल्का (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

1984 सिख विरोधी दंगे के एक और मामले में आज सज्जन कुमार के खिलाफ सुनवाई हुई. दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगे मामले की सुनवाई 22 जनवरीर तक टाल दी. सज्जन कुमार के खिलाफ यह मामला नवंबर 1984 में सुल्तानपुरी में 16 की हत्या का है. जबकि इससे पहले दिल्ली कैंट में हुई हिंसा में 5 लोगों की हत्या के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुना चुका है. हालांकि, पीड़ित पक्षों की मांग है कि सज्जन कुमार को उम्रकैद नहीं, बल्कि फांसी की सजा हो. हालांकि, इस पर पीड़ितों के वकील एचएस फुल्का की अपनी एक अलग दलील है. 

1984 सिख विरोधी दंगा: सज्जन कुमार के खिलाफ एक और मामले की सुनवाई 22 जनवरी तक टली

वर्ष 1984 के सिख-विरोधी दंगों से जुड़े केस के वकील एचएस फुल्का का कहना है, "मैंने पीड़ितों को सुझाव दिया है कि सुप्रीम कोर्ट में न जाएं, क्योंकि यदि दोनों पक्ष अपील फाइल करते हैं, तो कोर्ट विस्तार से सुनवाई करेगा. इसके स्थान पर हमें सज्जन कुमार की अपील को जल्द से जल्द खारिज किए जाने पर ज़ोर देना चाहिए. मृत्यु तक आजीवन कारावास की सज़ा मृत्युदंड से बेहतर सज़ा है."

पीड़ित के वकील एचएस फुल्का ने कहा कि सज्जन के वकील की तबीयत खराब थी, इस वजह से अगली 22 जनवरी को सुनवाई रखी गई है. हम दूसरे मामले में आजीवन कारावास की सजा को चुनौती नही देंगे क्योंकि ये उम्र कैद से बड़ी सजा है. वहीं, गवाह चाम कौर ने कहा कि 'सज्जन ने भीड़ को उकसाया था और कहा कि सिखों को मार दो. मैं कई बार आ चुकी हूं. सज्जन को फांसी की सज़ा हो.' 

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इससे पहले गुरुवार को 1984 सिख विरोधी हिंसा मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट में सज्जन कुमार खुद पेश हुए. उनकी ओर से पेश जूनियर वकीलों ने अपने सीनियर वकीलों की गैरमौजूदगी के चलते सुनवाई टालने की मांग की, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की. उसी दिन इस मामले में पीड़ित पक्ष की गवाही जारी रहेगी. नानावटी आयोग की सिफारिश पर सीबीआई ने इस मामले में सज्जन कुमार के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल की थी. 
 

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